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भ्रष्टाचार का अन्त और देश का उत्थान (70th BPSC Essay)
भ्रष्टाचार एक ऐसी समस्या है जो किसी भी देश की प्रगति, समृद्धि और सामाजिक न्याय की राह में सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़ी रहती है। यह समाज के हर वर्ग को प्रभावित करता है और लोकतंत्र की नींव को कमजोर करता है। भ्रष्टाचार का न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक स्तर पर भी घातक प्रभाव पड़ता है। इस समस्या का समाधान करना, राष्ट्र की प्रगति और विकास के लिए आवश्यक है। अगर हम भ्रष्टाचार का अन्त करना चाहते हैं तो हमें इसकी जड़ तक पहुंचने और इस पर सख्त नियंत्रण लगाने की आवश्यकता है।
भ्रष्टाचार का प्रभाव न केवल सरकार की कार्यशैली पर पड़ता है, बल्कि यह जनता के जीवन स्तर को भी प्रभावित करता है। सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के कारण जिन योजनाओं का उद्देश्य समाज के पिछड़े वर्गों की मदद करना होता है, वे योजनाएं केवल अधिकारियों और नेताओं के हाथों में जाती हैं, और इसका लाभ आम जनता तक नहीं पहुँचता। इससे सरकारी धन का दुरुपयोग होता है और जनता का विश्वास सरकार पर से उठने लगता है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण और अन्य विकास कार्यों में भ्रष्टाचार के कारण देश का विकास रुक जाता है।
आर्थिक दृष्टिकोण से देखें तो भ्रष्टाचार से देश की अर्थव्यवस्था कमजोर होती है। निवेशक और उद्योगपति उन देशों में निवेश करने से कतराते हैं, जहाँ भ्रष्टाचार उच्चतम स्तर पर होता है। इसके कारण आर्थिक संसाधनों का अत्यधिक अपव्यय होता है और देश का विकास प्रभावित होता है।
भ्रष्टाचार का सामाजिक असर भी गहरा होता है। यह समाज में असमानता और भेदभाव को बढ़ावा देता है। जो लोग ताकतवर होते हैं या जिनके पास धन है, वे आसानी से सरकारी कामकाज में अपनी सुविधा के अनुसार बदलाव करवा सकते हैं, जबकि साधारण नागरिकों को यह अवसर नहीं मिल पाता। इस प्रकार, समाज में धन और ताकत के आधार पर असमानताएँ उत्पन्न होती हैं, जो समाज में विरोधाभास और तनाव का कारण बनती हैं।
प्रसिद्ध कवि और चिंतक आचार्य चतुरसेन ने कहा था, “भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ा नहीं, तो यह समाज और राष्ट्र को धीरे-धीरे नष्ट कर देगा।” यह विचार इस बात को स्पष्ट करता है कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए एक संगठित और दृढ़ प्रयास आवश्यक है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में हमें कई रणनीतियों को अपनाने की आवश्यकता है। सबसे पहले, हमें सरकारी तंत्र में पारदर्शिता लानी होगी। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी सरकारी कार्य और योजनाएँ पूरी पारदर्शिता से लागू हों। इसके लिए सूचना का अधिकार (RTI) जैसे कानूनी प्रावधानों को मजबूत किया जाना चाहिए ताकि नागरिक अपनी सरकार से सवाल पूछ सकें और जवाब प्राप्त कर सकें।
इसके साथ ही, सरकारी अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ सख्त कानून और दंडात्मक कार्रवाई की व्यवस्था करनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो उसे सजा मिलनी चाहिए, और यह सजा इतनी कड़ी होनी चाहिए कि वह दूसरों के लिए एक चेतावनी बने।
आवश्यक है कि शिक्षा और जन जागरूकता अभियान चलाए जाएं, ताकि लोग समझ सकें कि भ्रष्टाचार समाज के लिए कितना हानिकारक है। जब समाज के लोग इस कुप्रथा के खिलाफ जागरूक होंगे, तो उनके द्वारा किया गया दबाव सरकारी तंत्र में सुधार लाने में सहायक होगा।
इसके अलावा, डिजिटलाइजेशन और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी भ्रष्टाचार को समाप्त करने में सहायक हो सकता है। यदि सरकारी कार्यों का अधिकतम हिस्सा ऑनलाइन किया जाए, तो इसे पारदर्शी और नियंत्रित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जनता को दिया जाए और बिचौलियों को हटाया जाए, तो भ्रष्टाचार के रास्ते में रुकावट आएगी।
जब हम भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात करते हैं, तो इसका उद्देश्य केवल कानून और व्यवस्था के सुधार तक सीमित नहीं होना चाहिए। बल्कि, यह एक व्यापक सामाजिक आंदोलन होना चाहिए, जो देश के हर नागरिक को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में शामिल करे। जब देश का नागरिक भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होता है और इस बुराई को नकारता है, तो सरकार को अपने कार्यों में सुधार लाने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
भ्रष्टाचार के समाप्त होने पर, सरकारी योजनाएं सही दिशा में लागू होंगी और इसका लाभ आम नागरिकों को मिलेगा। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, और अन्य विकास कार्यों में तेजी आएगी, और देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इसके अलावा, जब सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आएगी, तो जनता का सरकार पर विश्वास बढ़ेगा, और इससे लोकतंत्र और मजबूत होगा।
भ्रष्टाचार के खत्म होने से समाज में समानता और न्याय का वातावरण बनेगा। सभी नागरिकों को समान अवसर मिलेंगे और समाज में भेदभाव और असमानता कम होगी। इससे सामाजिक सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा मिलेगा।
अंततः, यह कहा जा सकता है कि भ्रष्टाचार का अन्त करना और देश का उत्थान एक साथ जुड़े हुए हैं। भ्रष्टाचार की समाप्ति से न केवल आर्थिक, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक सुधार भी संभव होंगे। इस दिशा में हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। सरकार, नागरिक, और समाज के हर वर्ग को इस कुप्रथा के खिलाफ जागरूक और सक्रिय रूप से काम करना होगा। यदि हम सभी मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करते हैं, तो एक दिन यह समस्या समाप्त हो सकती है, और हमारा देश एक समृद्ध और प्रगति की ओर अग्रसर हो सकता है।
यह कहा जा सकता है कि अगर भ्रष्टाचार का अन्त हो जाए, तो देश का उत्थान निश्चित रूप से संभव है।
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