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अगिला खेती आगे-आगे, पछिला खेती भागे-जागे (68th BPSC Essay)
समय का महत्व हर क्षेत्र में होता है, चाहे वह खेती हो, शिक्षा हो, व्यापार हो या जीवन का कोई अन्य पहलू। भारतीय कृषि में एक बहुत प्रसिद्ध कहावत है— “अगिला खेती आगे-आगे, पछिला खेती भागे-जागे।” इसका अर्थ है कि जो किसान समय पर खेती करता है, वह अधिक लाभ पाता है, जबकि जो किसान देरी से खेती करता है, उसे अनिश्चितताओं और नुकसान का सामना करना पड़ता है। यह कहावत न केवल कृषि बल्कि जीवन के अन्य क्षेत्रों में भी पूरी तरह लागू होती है। जो व्यक्ति समय का सदुपयोग करता है, वह जीवन में सफलता प्राप्त करता है, जबकि जो समय को व्यर्थ करता है, वह पीछे रह जाता है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहाँ की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर करती है। ऐसे में किसानों के लिए यह समझना बहुत आवश्यक है कि खेती में समय का कितना महत्व है। सही समय पर बुवाई, सिंचाई और कटाई करने से अच्छी उपज प्राप्त होती है, जबकि थोड़ी सी भी देरी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन पर बुरा असर डाल सकती है। उदाहरण के लिए, खरीफ की फसल (धान, मक्का, बाजरा आदि) को जून के आखिरी सप्ताह से जुलाई के पहले सप्ताह तक बोना आवश्यक होता है। यदि कोई किसान जुलाई के मध्य या अंत तक प्रतीक्षा करता है, तो बारिश की अनिश्चितता के कारण उसकी फसल कमजोर हो सकती है, कीटों का प्रकोप बढ़ सकता है और उपज कम हो सकती है। इसी तरह, रबी की फसल (गेहूं, चना, सरसों आदि) यदि नवंबर के पहले सप्ताह में बोई जाए तो उसकी पैदावार अधिक होती है। जो किसान इसे दिसंबर तक टालते हैं, वे ठंड और बारिश के कारण नुकसान उठा सकते हैं।
खेती मुख्य रूप से जलवायु और मौसम पर निर्भर करती है। मानसून के बदलते स्वरूप को देखते हुए किसानों को अब और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। यदि समय से पहले वर्षा हो जाती है और किसान ने पहले ही बुवाई कर दी है, तो उसकी फसल को अच्छा लाभ मिलेगा। लेकिन यदि किसान देरी करता है और वर्षा समाप्त होने के बाद बुवाई करता है, तो उसे सिंचाई के लिए अधिक लागत उठानी पड़ सकती है। इसके अलावा, हवा की दिशा, ठंड का समय, बारिश का समय, और तापमान भी खेती को प्रभावित करते हैं। यदि खेतों की सिंचाई के बाद तेज़ हवाएँ चलने लगें, तो फसल सूख सकती है और उपज घट सकती है। यही कारण है कि कृषि वैज्ञानिक और अनुभवी किसान कहते हैं कि जो किसान समय से खेती करता है, वही आगे बढ़ता है।
खेती की यह कहावत केवल कृषि तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में समय का महत्व दर्शाती है। जो लोग समय पर अपने कार्य शुरू कर देते हैं, वे जीवन में सफल होते हैं, जबकि देर करने वाले संघर्ष करते हैं। “समय की कद्र करने वाले व्यक्ति को सफलता अवश्य मिलती है।” यह कथन चाणक्य का है, जो हमें समय के महत्व को समझाने का प्रयास करता है। शिक्षा और करियर में भी समय की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। जो विद्यार्थी समय पर पढ़ाई शुरू कर देते हैं, वे परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करते हैं और आगे बढ़ते हैं। लेकिन जो छात्र अंतिम समय तक इंतजार करते हैं, उन्हें सफलता के लिए अधिक संघर्ष करना पड़ता है। इसी तरह, जो व्यक्ति समय पर अपने करियर की योजना बनाते हैं, वे बेहतर नौकरी और व्यवसाय में आगे बढ़ते हैं, जबकि देर करने वाले पीछे रह जाते हैं।
अगर हम इतिहास पर नज़र डालें, तो पाते हैं कि जिन देशों ने समय पर अपने विकास कार्यों को प्रारंभ कर दिया, वे आर्थिक और सामाजिक रूप से मजबूत हो गए। उदाहरण के लिए, अमेरिका, जापान और चीन ने समय पर औद्योगीकरण शुरू किया और आज वे विश्व के अग्रणी देश हैं। लेकिन कई देश जो देर से विकास की ओर बढ़े, वे आज भी संघर्ष कर रहे हैं। “समय की चाल को पहचानना ही समझदारी है, जो इसे पहचान लेता है, वही सफल होता है।” यह कथन महात्मा गांधी का है, जो समय की अहमियत को उजागर करता है। इसी तरह, कोरोना महामारी के दौरान जिन कंपनियों और संस्थानों ने जल्दी ऑनलाइन सेवाओं को अपनाया, वे आगे बढ़ गईं, जबकि जो कंपनियाँ देरी से ऑनलाइन आईं, वे संघर्ष कर रही हैं।
समय प्रबंधन केवल व्यक्तियों और देशों के लिए ही नहीं, बल्कि व्यवसायों और संगठनों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है। आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में जो कंपनियाँ समय के अनुसार अपने निर्णय लेती हैं, वे आगे बढ़ती हैं। उदाहरण के लिए, जो कंपनियाँ डिजिटल तकनीक को जल्दी अपनाती हैं, वे अधिक ग्राहकों तक पहुँच पाती हैं और मुनाफा कमाती हैं। इसके विपरीत, जो कंपनियाँ समय पर नए बदलावों को नहीं अपनातीं, वे धीरे-धीरे बाजार से बाहर हो जाती हैं। “समय और ज्वार किसी का इंतजार नहीं करते।” यह कथन शेक्सपियर का है, जो हमें यह सिखाता है कि जो व्यक्ति समय का इंतजार करता है, वह अवसरों को खो देता है।
समय का महत्व केवल पेशेवर जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारे व्यक्तिगत जीवन में भी इसका प्रभाव होता है। जो लोग समय का सही उपयोग करते हैं, वे जीवन में संतुलन बनाए रख सकते हैं। नियमित दिनचर्या, समय पर भोजन, समय पर व्यायाम और समय पर विश्राम करना स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक होता है। यदि हम अपने कार्यों को समय पर पूरा नहीं करते हैं, तो तनाव और असफलता की संभावना बढ़ जाती है। “जो समय का सम्मान करता है, समय उसका सम्मान करता है।” यह कथन अब्राहम लिंकन का है, जो हमें प्रेरित करता है कि समय के प्रति जागरूक होना आवश्यक है।
“अगिला खेती आगे-आगे, पछिला खेती भागे-जागे” एक अत्यंत महत्वपूर्ण कहावत है, जो हमें सिखाती है कि समय का सही उपयोग सफलता की कुंजी है। कृषि से लेकर जीवन के हर क्षेत्र में यह सिद्धांत लागू होता है। जो लोग और देश समय का सम्मान करते हैं, वे प्रगति करते हैं, जबकि समय की अनदेखी करने वाले संघर्ष करते हैं। “कल के लिए कुछ मत छोड़ो, जो आज किया जा सकता है।” यह कथन बेंजामिन फ्रैंकलिन का है, जो हमें समय की महत्ता को समझने की प्रेरणा देता है। इसलिए, चाहे कृषि हो, शिक्षा हो, व्यापार हो या व्यक्तिगत जीवन—सफलता के लिए समय के महत्व को समझना और उसका सही उपयोग करना अनिवार्य है।
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