Bihar Board 10th Hindi Syllabus 2026 (मातृभाषा) : गोधूलि-2 और वर्णिका-2 के सभी अध्याय, व्याकरण व लेखन

Bihar Board 10th Hindi Syllabus 2026; बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने कक्षा 10 के लिए हिंदी विषय का पूरा और अद्यतन सिलेबस जारी कर दिया है। इस सिलेबस का मुख्य आधार दो प्रमुख पाठ्यपुस्तकें—गोधूलि भाग-2 और वर्णिका भाग-2 (पूरक पाठ्यपुस्तक)—हैं, जिनमें गद्य, काव्य, ललित रचनाएँ, निबंध, भाषण और कहानियाँ शामिल हैं। इसके साथ ही हिंदी परीक्षा में व्याकरण, निबंध लेखन, पत्र-लेखन, संवाद-लेखन तथा अपठित गद्यांश जैसे खंड भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

यह सिलेबस विद्यार्थियों को विषय की सम्पूर्ण संरचना, सभी अध्यायों की सूची, व्याकरणिक बिंदुओं और लेखन कौशल का स्पष्ट रोडमैप प्रदान करता है। इस लेख में हम बिहार बोर्ड 10वीं हिंदी सिलेबस 2026 को अध्यायवार, काव्य-वार, व्याकरण, निबंध और पत्र-लेखन सहित विस्तृत रूप में समझाएँगे, ताकि आप बोर्ड परीक्षा की तैयारी बेहतरीन तरीके से कर सकें।

Bihar Board 10th Hindi Syllabus 2026; overview

बिहार बोर्ड द्वारा जारी हिंदी विषय का अद्यतन सिलेबस कक्षा 10 के विद्यार्थियों के लिए गद्य, काव्य, व्याकरण और लेखन कौशल को संतुलित रूप से शामिल करता है। यह पाठ्यक्रम दो प्रमुख पुस्तकों—गोधूलि भाग-2 और वर्णिका भाग-2—पर आधारित है, जिनमें साहित्यिक रचनाओं के साथ भाषा कौशल को भी मजबूत करने वाले अध्याय शामिल हैं। साथ ही, परीक्षा में व्याकरण, निबंध लेखन, पत्र एवं संवाद-लेखन और अपठित गद्यांश के प्रश्न भी पूछे जाते हैं। नीचे दिया गया ओवरव्यू आपको इस पूरे सिलेबस की संरचना एक नज़र में समझने में मदद करेगा।

विषयविवरण
बोर्डबिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB)
कक्षाकक्षा 10 (मैट्रिक)
विषयहिंदी
मुख्य पुस्तकेंगोधूलि भाग–2, वर्णिका भाग–2 (पूरक पुस्तक)
सिलेबस घटकगद्य, काव्य, व्याकरण, निबंध, पत्र-लेखन, संवाद-लेखन, अपठित गद्यांश
व्याकरण विषयसंज्ञा, सर्वनाम, लिंग, वचन, विशेषण, समास, संधि, मुहावरे, विलोम, उपसर्ग–प्रत्यय आदि
लेखन कौशलनिबंध (250–300 शब्द), पत्र-लेखन, संवाद-लेखन
परीक्षा प्रश्न संरचनाअपठित गद्यांश, लघु/दीर्घ उत्तरीय प्रश्न, व्याकरण आधारित प्रश्न, रचना आधारित प्रश्न

Bihar Board Class 10 Hindi Marking Scheme

1. अपठित गद्यांश – 20 अंक (35 मिनट)

  • दो गद्यांश दिए जाएंगे — पहला साहित्यिक, दूसरा वर्णनात्मक
  • प्रत्येक गद्यांश से 4–4 प्रश्न पूछे जाएंगे।
  • कुल प्रश्न छात्रों की समझ, व्याख्या और भाव पकड़ने की क्षमता पर आधारित होंगे।

2. रचना – 15 अंक (30 मिनट)

  • निबंध लेखन (250–300 शब्द)10 अंक
  • पत्र / संवाद / लेख / औपचारिक लेखन5 अंक

यह खंड छात्रों की लेखन क्षमता, विचार-विन्यास, भाषा अभिव्यक्ति और रचनात्मकता का मूल्यांकन करता है।

3. व्याकरण – 15 अंक (30 मिनट)

  • संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, कारक, काल, संधि, समास, मुहावरे, विलोम, वाक्य-शुद्धि आदि से 3 प्रश्न पूछे जाएंगे।
  • प्रत्येक प्रश्न 5 अंकों का होगा।
  • इस खंड में भाषा ज्ञान और उसकी शुद्धता की जाँच होती है।

4. पाठ्यपुस्तक (गद्य + पद्य) – 40 अंक (75 मिनट)

गोधूलि भाग-2 और वर्णिका भाग-2 से पूछे जाने वाले प्रश्न:

  • अर्थ एवं व्याख्या आधारित 4 प्रश्न — 8 अंक
  • निर्धारित कविताओं से 4 प्रश्न — 12 अंक
  • गद्यांश से 4 प्रश्न — 8 अंक
  • रचनाओं पर आधारित व्याख्यात्मक प्रश्न — 12 अंक

यह खंड साहित्यिक समझ, विश्लेषण क्षमता और पाठों की व्याख्या पर केंद्रित है।

5. पूरक पुस्तक – 10 अंक (15 मिनट)

  • एक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न — 4 अंक
  • दो लघु उत्तरीय प्रश्न — 6 अंक

पूरक पुस्तक से लिए गए प्रश्न छात्रों की अतिरिक्त पठन क्षमता और व्याख्यात्मक योग्यता की जाँच करते हैं।

बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी पाठ्यक्रम के लाभ

1. स्पष्ट परीक्षा रणनीति – अंकन योजना छात्रों को यह समझने में मदद करती है कि कौन से अध्याय और खंड अधिक महत्वपूर्ण हैं और किस प्रकार की तैयारी सबसे प्रभावी होगी।

2. बेहतर समय प्रबंधन – अंक वितरण को समझकर छात्र प्रत्येक खंड के लिए उचित समय निर्धारित कर पाते हैं और समयबद्ध परिस्थितियों में मॉक टेस्ट देकर अपनी गति सुधार सकते हैं।

3. लेखन कौशल में सुधार – निबंध, पत्र-लेखन और संवाद-लेखन का नियमित अभ्यास छात्रों की अभिव्यक्ति, भाषा-शैली और रचनात्मक लेखन क्षमता को मजबूत करता है।

4. संतुलित भाषा ज्ञान – सिलेबस गद्य, काव्य और व्याकरण तीनों को कवर करता है, जिससे छात्रों में व्यापक भाषा कौशल विकसित होता है और वे परीक्षा के सभी प्रकार के प्रश्नों का उत्तर दे पाते हैं।

5. विश्लेषणात्मक क्षमता का विकास – कविता और गद्य के विश्लेषण से छात्रों की व्याख्या क्षमता, सोचने की शक्ति और साहित्यिक समझ बढ़ती है, जो परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने में मदद करती है।

गोधूलि – भाग 2 : विस्तृत पाठ्यक्रम

गोधूलि – भाग 2 बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी विषय की मुख्य पाठ्यपुस्तकों में से एक है, जिसमें कुल 14 अध्याय शामिल हैं। यह पुस्तक गद्य, निबंध, कहानी, साक्षात्कार, व्यक्ति-चित्र, ललित रचना और शिक्षाशास्त्र जैसे विविध साहित्यिक रूपों को समाहित करती है।

1. श्रम विभाजन (निबंध) – यह निबंध समाज में कार्यों के विभाजन और श्रम के महत्व को गहराई से प्रस्तुत करता है। लेखक बताता है कि हर प्रकार का श्रम—चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक—समान रूप से आवश्यक है और किसी कार्य को छोटा या बड़ा नहीं माना जाना चाहिए। श्रम विभाजन से न केवल दक्षता बढ़ती है, बल्कि कार्यों में नियमितता, गति और सामूहिक सहयोग भी बढ़ता है। इस पाठ के माध्यम से छात्र समझते हैं कि समाज तभी सही ढंग से चलता है जब हर व्यक्ति अपने कार्य का सम्मान करे और दूसरों के श्रम को भी महत्व दे। यह अध्याय छात्रों में समानता, सहयोग और मानवीय गरिमा की भावना विकसित करता है।

2. जाति प्रथा (निबंध) – यह निबंध भारतीय समाज में प्रचलित जाति व्यवस्था के ऐतिहासिक स्वरूप और उसके दुष्प्रभावों पर प्रकाश डालता है। लेखक स्पष्ट रूप से बताता है कि जाति प्रथा ने समाज को अनेक वर्गों में बाँट दिया है, जिससे असमानता, भेदभाव और शोषण जैसी समस्याएँ उत्पन्न हुई हैं। इस प्रणाली ने मनुष्य को उसके जन्म के आधार पर श्रेष्ठ और निकृष्ट में बाँटकर मानवीय मूल्यों को कमजोर किया है। निबंध विद्यार्थियों में सामाजिक कुरीतियों को पहचानने, न्यायसंगत सोच विकसित करने और समानता पर आधारित समाज की आवश्यकता को समझने में मदद करता है। यह अध्याय छात्रों को सामाजिक सुधार और मानवीय संवेदना की ओर प्रेरित करता है।

3. विष के दाँत (कहानी) – यह कहानी एक मनोरंजक और व्यंग्यात्मक शैली में लिखी गई है, जो समाज में फैली अफवाहों, अज्ञानता और गलतफहमियों को उजागर करती है। कहानी बताती है कि कैसे छोटी सी बात लोगों की कल्पनाओं में इतना फैल जाती है कि वह एक बड़े भय का रूप ले लेती है। लेखक हास्य के माध्यम से दिखाता है कि अफवाहों का ज़हर समाज में अविश्वास और भ्रम पैदा करता है। पाठ विद्यार्थियों को यह समझाता है कि बिना तथ्य जाने किसी भी बात पर विश्वास नहीं करना चाहिए। यह कहानी विवेक, तर्क और सही सूचना के महत्व को रेखांकित करती है।

4. भारत से हम क्या सीखें (भाषण) – इस भाषण में वक्ता भारत की समृद्ध संस्कृति, विविधता, सहिष्णुता और मानवीय मूल्यों का उल्लेख करते हुए बताता है कि विश्व समुदाय भारत से बहुत कुछ सीख सकता है। भारतीय समाज विभिन्न भाषाओं, धर्मों और परंपराओं के बावजूद एकता और सद्भाव के साथ आगे बढ़ता है, जो इसे विशिष्ट बनाता है। भाषण बच्चों को यह समझाता है कि हमारी संस्कृति वैश्विक स्तर पर भी प्रेरणा का स्रोत है। यह पाठ छात्रों में गर्व, नैतिक मूल्यों और भारतीय जीवन-पद्धति को समझने की भावना विकसित करता है।

5. नाखून क्यों बढ़ते हैं (ललित निबंध) – यह ललित निबंध वैज्ञानिक तथ्यों को हास्यपूर्ण और सरल भाषा में प्रस्तुत करता है। लेखक मनोरंजक शैली में बताता है कि नाखून कैसे और क्यों बढ़ते हैं, साथ ही इसके पीछे के जैविक कारणों की व्याख्या करता है। इस लेख की विशेषता इसकी सहजता, रोचकता और भाषा की प्रवाहपूर्ण प्रस्तुति है। छात्र इससे न केवल वैज्ञानिक जिज्ञासा विकसित करते हैं, बल्कि यह भी सीखते हैं कि गंभीर विषयों को भी हल्के-फुल्के ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है। यह पाठ रचनात्मक लेखन और अवलोकन क्षमता को विकसित करता है।

6. नागरी लिपि (निबंध) – इस निबंध में देवनागरी लिपि का इतिहास, स्वरूप, विशेषताएँ और भारतीय भाषाओं में उसका महत्व वर्णित है। लेखक बताता है कि नागरी लिपि वैज्ञानिक दृष्टि से अत्यंत सरल, स्पष्ट और ध्वन्यात्मक है, जिससे इसे सीखना और पढ़ना आसान होता है। निबंध यह भी स्पष्ट करता है कि नागरी लिपि भारतीय संस्कृति और भाषाई एकता का आधार है। विद्यार्थी इस पाठ के माध्यम से लिपि-विकास, भाषा-ज्ञान और भारतीय ज्ञान परंपरा के बारे में गहराई से समझ विकसित करते हैं। यह अध्याय भाषा विज्ञान और साहित्यिक अध्ययन में रुचि बढ़ाता है।

7. बहादुर (कहानी) – यह कहानी साहस, ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा जैसे उच्च नैतिक मूल्यों पर आधारित है। कहानी का मुख्य पात्र कठिन परिस्थितियों में भी नैतिकता और सत्य का साथ नहीं छोड़ता, जिससे उसका चरित्र और भी प्रभावशाली बन जाता है। लेखक बताता है कि सच्चा साहस केवल शारीरिक शक्ति में नहीं बल्कि सही निर्णय लेने और सत्य के मार्ग पर अडिग रहने में निहित है। यह कहानी छात्रों को साहस, आत्मविश्वास और नैतिकता की शिक्षा देती है और कठिन परिस्थितियों में भी सही रास्ता चुनने के लिए प्रेरित करती है।

8. परंपरा का मूल्यांकन (निबंध) – यह निबंध परंपराओं की उपयोगिता, उनकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और बदलते समय में उनके पुनरावलोकन की आवश्यकता पर केंद्रित है। लेखक तर्क देता है कि सभी परंपराएँ स्थायी रूप से अच्छी या बुरी नहीं होतीं; बल्कि समय और समाज के अनुसार उनका मूल्यांकन किया जाना चाहिए। यह पाठ छात्रों को सामाजिक संतुलन, आलोचनात्मक सोच और विवेकपूर्ण निर्णय का महत्व सिखाता है। निबंध उन्हें यह समझने में मदद करता है कि आधुनिकता और परंपरा का संतुलित समन्वय जीवन को बेहतर बना सकता है।

9. जित जित मैं निरखत हूँ (साक्षात्कार) – यह अध्याय साक्षात्कार शैली में लिखा गया है, जिसमें व्यक्ति के अनुभवों, विचारों और जीवन-दृष्टि को सरलता से प्रस्तुत किया गया है। बातचीत के माध्यम से पाठ जीवन के संघर्ष, आत्मविश्वास और निरंतर सीखने की प्रक्रिया को उजागर करता है। इस पाठ में साक्षात्कारकर्ता अपनी व्यक्तिगत यात्रा के माध्यम से छात्रों को प्रेरणा देता है कि परिस्थितियाँ चाहे कैसी भी हों, सकारात्मक सोच और परिश्रम से सफलता प्राप्त की जा सकती है। यह पाठ व्यक्तित्व विकास और अभिव्यक्ति कौशल को मजबूत करता है।

10. आविन्यों (ललित रचना) – यह ललित रचना प्रकृति के सौंदर्य, वातावरण और मानवीय संवेदनाओं का अत्यंत सुंदर व काव्यमय चित्र प्रस्तुत करती है। लेखक प्राकृतिक दृश्यों को इतनी जीवंतता से वर्णित करता है कि पाठक स्वयं को उस वातावरण में महसूस करता है। इस पाठ की भाषा प्रवाहपूर्ण, चित्रात्मक और संवेदनशील है, जो छात्रों में सौंदर्यबोध और कल्पनाशीलता को बढ़ाती है। यह रचना विद्यार्थियों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाते हुए साहित्य की कलात्मकता से परिचित कराती है।

11. मछली (कहानी) – यह कहानी मानव के स्वार्थ, लालच और प्रकृति से छेड़छाड़ के परिणामों पर आधारित है। कहानी दिखाती है कि जब मनुष्य प्रकृति का दोहन करता है, तो वह अंततः स्वयं ही उसके दुष्परिणामों का सामना करता है। लेखक मछली के माध्यम से पर्यावरण असंतुलन और मानवीय लालच की समस्या को उजागर करता है। यह अध्याय छात्रों को पर्यावरण संरक्षण, नैतिकता और संयम का संदेश देता है।

12. नौबतखाने में इबादत (व्यक्ति चित्र) – यह अध्याय एक व्यक्ति के चरित्र, व्यवहार और जीवनशैली का प्रभावशाली और संवेदनशील चित्रण प्रस्तुत करता है। लेखक व्यक्ति की ईमानदारी, सादा जीवन और कर्तव्यपरायणता को विस्तार से दर्शाता है। इस पाठ में उस पात्र की व्यक्तिगत विशेषताएँ, आदतें और विचारधारा को इतनी सहजता से प्रस्तुत किया गया है कि वह पाठकों के मन में गहरा प्रभाव छोड़ता है। यह अध्याय छात्रों को व्यक्ति-चित्रण, वर्णन कला और मानवीय गुणों के महत्व को समझने में मदद करता है।

13. शिक्षा और संस्कृति (शिक्षाशास्त्र) – यह पाठ शिक्षा और संस्कृति के गहरे संबंध पर आधारित है। लेखक बताता है कि शिक्षा केवल ज्ञान अर्जन नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण, सामाजिक मूल्यों की समझ और सांस्कृतिक विकास का माध्यम है। यह अध्याय स्पष्ट करता है कि अच्छी शिक्षा व्यक्ति को नैतिक, संवेदनशील और जिम्मेदार नागरिक बनाती है। पाठ छात्रों को जीवन में शिक्षा की भूमिका और संस्कृति के संरक्षण की आवश्यकता को समझने में मदद करता है।

14. पुनरावृत्ति – इस भाग में पूरे पाठ्यक्रम का सार, महत्वपूर्ण अंश, व्याख्या आधारित अभ्यास प्रश्न और स्वयं-जांच के लिए पुनरावृत्ति सामग्री शामिल है। यह खंड छात्रों को परीक्षा से पहले सभी अध्यायों को दोहराने और अपनी तैयारी के स्तर का आकलन करने में मदद करता है। अभ्यास के माध्यम से वे अपनी कमजोरियों को पहचानकर उन्हें सुधार सकते हैं। यह अध्याय परीक्षा की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी है।

वर्णिका भाग–2 : विस्तृत सिलेबस

परिचय – वर्णिका भाग–2 बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी की पूरक पाठ्यपुस्तक है, जिसमें कुल 12 अध्याय शामिल हैं। यह पुस्तक कविता, कहानी, संस्मरण, निबंध और अनूदित रचनाओं के माध्यम से छात्रों की साहित्यिक समझ, भाषा-प्रवाह और सांस्कृतिक बोध को मजबूत बनाती है। वर्णिका के पाठ सरल, सारगर्भित और मूल्यपरक हैं, जो विद्यार्थियों की सोच को व्यापक बनाते हैं। नीचे प्रत्येक अध्याय का विस्तृत विवरण दिया गया है।

1. राम नाम बिनु बिरथे जगि जनमा – गुरु नानक – यह पद्य रचना मानव जीवन में प्रभु-भक्ति और सत्कर्म के महत्व को बताती है। गुरु नानक साधारण और हृदयस्पर्शी भाषा में समझाते हैं कि ईश्वर का स्मरण जीवन को सार्थक बनाता है और मानवीय संबंधों में शांति स्थापित करता है। यह कविता सरल भाषा में गहरे आध्यात्मिक संदेश के साथ छात्रों को नैतिकता, भक्ति और विनम्रता की प्रेरणा देती है।

2. प्रेम अयनि श्री राधिका – रसखान – रसखान की यह कविता भगवान श्रीकृष्ण और राधा के स्नेह-सम्बंध के दिव्य रूप का वर्णन करती है। चित्रात्मक भाषा और सहज काव्य-शैली के माध्यम से प्रेम की पवित्रता और समर्पण को दर्शाया गया है। यह पद्य विद्यार्थियों को सूफी और भक्ति साहित्य की सुंदरता से परिचित कराता है तथा काव्य-रस का आनंद भी प्रदान करता है।

3. अति सूधो सनेह को मारग है – घनानंद – यह रचना प्रेम की कोमलता, पीड़ा और अंतर्मन की भावनाओं का सूक्ष्म चित्रण करती है। घनानंद अपनी विशिष्ट शैली में प्रेम की कठिनाई, मन की व्यथा और विरह की भावना को प्रस्तुत करते हैं। कविता छात्रों को रीति-कालीन काव्य की सौंदर्य-परंपरा और भाव-प्रधानता से जोड़ती है।

4. दही वाली मंगम्मा (कन्नड़) – यह पाठ एक मेहनतकश महिला की जीवन-संघर्ष और आत्मसम्मान की प्रेरक कहानी प्रस्तुत करता है। दही बेचकर अपना जीवन चलाने वाली मंगम्मा कठिनाइयों के बावजूद आत्मविश्वास और परिश्रम नहीं छोड़ती। यह कहानी छात्रों को मेहनत, आत्मनिर्भरता और जीवन की वास्तविकताओं का प्रभावशाली संदेश देती है।

5. ढहते विश्वास (कन्नड़) – यह कहानी समाज में बदलते मूल्यों, विश्वासों के टूटने और मानवीय संबंधों में आई खामियों को उजागर करती है। लेखक आधुनिक जीवन के दबावों और सामाजिक विडंबनाओं का संवेदनशील चित्रण करता है। यह पाठ छात्रों में भावनात्मक समझ और सामाजिक जागरूकता बढ़ाता है।

6. माँ (गुजराती) – यह हृदयस्पर्शी रचना ‘माँ’ के प्रेम, त्याग और ममता का सुंदर चित्रण करती है। लेखक सरल भाषा में माँ के असीमित स्नेह और परिवार के प्रति उसके समर्पण को दर्शाता है। यह पाठ विद्यार्थियों में भावनात्मक संवेदनशीलता, कृतज्ञता और पारिवारिक मूल्यों की भावना को मजबूत करता है।

7. नगर (तमिल) – यह पाठ शहरी जीवन की जटिलताओं, तेज़ रफ्तार और समाज की बदलती तस्वीर को प्रस्तुत करता है। लेखक नगर के जीवन में मिलने वाली सुविधाओं के साथ-साथ उसके तनाव, अकेलेपन और सामाजिक दूरी के पहलुओं को भी दर्शाता है। यह रचना छात्रों को ग्रामीण और शहरी जीवन के अंतर को समझने में मदद करती है।

8. स्वदेशी (उड़िया) – यह रचना भारतीय स्वदेशी आंदोलन, आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय स्वाभिमान की भावना का सशक्त चित्रण करती है। पाठ भारतीय इतिहास, स्वतंत्रता संघर्ष और राष्ट्रप्रेम को जीवंत करता है। यह छात्रों को देशभक्ति, आत्मनिर्भरता और स्वदेशी विचारधारा को अपनाने की प्रेरणा देता है।

9. भारतमाता – यह कविता मातृभूमि की महानता, सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता का भावपूर्ण वर्णन करती है। लेखक भारत को केवल भूमि नहीं, बल्कि एक जीवंत, समृद्ध और गौरवशाली स्वरूप के रूप में प्रस्तुत करता है। रचना छात्रों में देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता की भावना विकसित करती है।

10. जनतंत्र का जन्म – इस पाठ में लोकतंत्र के विकास, उसके मूल सिद्धांतों और जनता की भूमिका का सारगर्भित वर्णन है। लेखक बताता है कि लोकतंत्र जनता की इच्छा, अधिकार और कर्तव्यों पर आधारित प्रणाली है। यह अध्याय छात्रों को लोकतांत्रिक मूल्यों और नागरिक जिम्मेदारी को समझने में सहायक है।

11. हिरोशिमा – यह पाठ युद्ध, हिंसा और परमाणु विस्फोटों के दुष्परिणामों को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत करता है। हिरोशिमा पर हुए विनाश से मानवता को मिली चेतावनी आज भी महत्वपूर्ण है। यह अध्याय शांति, अहिंसा और मानवता के संरक्षण का गहरा संदेश देता है और छात्रों को युद्ध-विरोधी सोच की ओर प्रेरित करता है।

12. एक वृक्ष की हत्या – यह रचना पर्यावरण संरक्षण, प्रकृति के महत्व और पेड़ों की कटाई से होने वाले नुकसान पर केंद्रित है। लेखक पेड़ों को जीवित अस्तित्व की तरह देखते हुए उनकी हत्या को मानव के लिए आत्मघाती कदम बताते हैं। यह अध्याय विद्यार्थियों में पर्यावरणीय संवेदनशीलता, जिम्मेदारी और प्रकृति प्रेम विकसित करता है।

बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी व्याकरण : विस्तृत सिलेबस

1. संज्ञा – संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भावना या गुण आदि के नाम को दर्शाता है। इस अध्याय में संज्ञा के प्रकार—व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, द्रव्यवाचक, समूहवाचक और भाववाचक संज्ञा—का अध्ययन कराया जाता है। साथ ही संज्ञा के लिंग, वचन और वाक्य में उसके प्रयोग को भी समझाया जाता है। परीक्षा में संज्ञा की पहचान, उदाहरण आधारित प्रश्न और वाक्य में सही संज्ञा भरने जैसे प्रश्न पूछे जाते हैं। यह अध्याय भाषा की मूल समझ को मजबूत करता है।

2. सर्वनाम – सर्वनाम वह शब्द है जो संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किया जाता है। व्याकरण में छात्र पुरुषवाचक, निजवाचक, अन्वयवाचक, प्रश्नवाचक, संकेतवाचक, संबंधवाचक और अनिश्चितवाचक सर्वनामों का अध्ययन करते हैं। सर्वनाम की पहचान, प्रयोग और सही सर्वनाम चुनने से संबंधित प्रश्न परीक्षा में अक्सर पूछे जाते हैं। सर्वनाम वाक्यों में दोहराव रोककर भाषा को सुगम और प्रभावी बनाता है, इसलिए इसका अभ्यास आवश्यक है।

3. लिंग – हिंदी में लिंग दो प्रकार के होते हैं—पुल्लिंग और स्त्रीलिंग। व्याकरण के इस भाग में शब्दों के लिंग बदलने के नियम, अपवाद तथा सामान्य रूप से प्रयोग होने वाले लिंग-परिवर्तन का अभ्यास कराया जाता है। छात्रों को ऐसे शब्द दिए जाते हैं जिन्हें लिंग के अनुसार परिवर्तित करना होता है। लिंग आधारित प्रश्न परीक्षा में 1–2 अंक के रूप में अवश्य आते हैं, इसलिए इनका अभ्यास महत्वपूर्ण है।

4. वचन – वचन शब्द के संख्या-भेद को दर्शाता है। इसमें दो प्रकार—एकवचन और बहुवचन—का अध्ययन होता है। व्याकरण में नियमपूर्वक वचन परिवर्तन, अनियमित बहुवचन, संस्कृत निष्ठ रूपों का बहुवचन और पर्याय रूपों का अभ्यास सिखाया जाता है। परीक्षा में शब्दों को बहुवचन में बदलना, वाक्य में सही वचन का प्रयोग करना और गलत वचन को पहचानना जैसे प्रश्न पूछे जाते हैं।

5. विशेषण – विशेषण वे शब्द हैं जो संज्ञा या सर्वनाम के गुण, मात्रा, आकार, संख्या, स्वरूप या स्थिति का बोध कराते हैं। छात्रों को गुणवाचक, परिमाणवाचक और संख्या वाचक विशेषण के प्रकारों का अभ्यास कराया जाता है। परीक्षा में विशेषण की पहचान, वाक्य में सही विशेषण का चयन और विशेषण-वाच्य संज्ञा का मिलान करने वाले प्रश्न शामिल होते हैं।

6. क्रिया – क्रिया वह शब्द है जो किसी कार्य, अवस्था या स्थिति का बोध कराए। इस अध्याय में सकर्मक-अकर्मक क्रिया, सहायक क्रिया, क्रियाओं के काल, पुरुष और वचन के अनुसार क्रिया रूपों का अध्ययन कराया जाता है। परीक्षा में क्रिया-रूप बदलने, वाक्य में सही क्रिया का प्रयोग और मूल क्रिया की पहचान से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। यह पाठ वाक्य निर्माण की मुख्य नींव है।

7. काल – काल क्रिया के समय का बोध कराता है। तीन मुख्य काल—वर्तमान, भूत और भविष्य—और उनके उप-प्रकारों का अभ्यास कराया जाता है। छात्र प्रयोगात्मक अभ्यास के माध्यम से सीखते हैं कि किस वाक्य में कौन सा काल प्रयोग करना है। परीक्षा में गलत काल सुधारना, उचित क्रिया-रूप चुनना और वाक्य का काल बदलना जैसे प्रश्न पूछे जाते हैं। यह अध्याय भाषा की शुद्धता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

8. संधि – संधि दो वर्णों के मेल से बनने वाली ध्वनि-परिवर्तन की प्रक्रिया है। इसमें स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि शामिल हैं। छात्रों को संधि के नियमों, अपवादों और संधियों की पहचान का अभ्यास कराया जाता है। परीक्षा में संधि-विच्छेद तथा संधि निर्माण से संबंधित प्रश्न आते हैं, इसलिए इसका नियमित अभ्यास आवश्यक है।

9. समास – दो या दो से अधिक शब्दों के मिलने से बनने वाला नया छोटा शब्द समास कहलाता है। छह मुख्य समास—कर्मधारय, द्वंद्व, द्विगु, बहुव्रीहि, अव्ययीभाव और तत्पुरुष—का गहराई से अध्ययन कराया जाता है। परीक्षा में समास की पहचान, समास के भेद तथा विग्रह लिखने वाले प्रश्न पूछे जाते हैं। यह अध्याय शब्द-रचना समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

10. मुहावरे और लोकोक्तियाँ – मुहावरे विशेष परिस्थिति या भावना को रोचक ढंग से व्यक्त करते हैं, जबकि लोकोक्तियाँ जीवन-अनुभव पर आधारित शिक्षाप्रद कथन होती हैं। इस अध्याय में सामान्य प्रयोग वाले मुहावरों और लोकोक्तियों का अर्थ, उदाहरण और वाक्य-प्रयोग सिखाया जाता है। बोर्ड परीक्षा में यह खंड 2–3 अंकों का महत्वपूर्ण भाग होता है।

11. विलोम, पर्यायवाची और एक शब्द के लिए अनेक शब्द – इस खंड में छात्रों को ऐसे शब्दों का अध्ययन कराया जाता है जो शब्द ज्ञान और भाषा की शुद्धता में मदद करते हैं। विलोम शब्द विपरीत अर्थ को, पर्यायवाची समानार्थक अर्थ को तथा विशेष परिस्थितियों में एक शब्द कई शब्दों के लिए प्रयुक्त होता है। परीक्षा में अक्सर इन पर आधारित 2–3 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं।

12. उपसर्ग और प्रत्यय – उपसर्ग शब्द के प्रारंभ में लगकर उसके अर्थ में परिवर्तन करता है, जबकि प्रत्यय अंत में जुड़कर नए शब्द का निर्माण करता है। इस अध्याय में उपसर्गों के प्रकार, प्रयोग और प्रत्यय से बनने वाले शब्दों का अभ्यास कराया जाता है। परीक्षा में उपसर्ग/प्रत्यय जोड़कर नए शब्द बनाना या पहचानना जैसे प्रश्न पूछे जाते हैं।

13. वाक्य शुद्धि – वाक्य में व्याकरणिक, शाब्दिक या प्रयोग संबंधी त्रुटियों को सुधारने वाले अभ्यास वाक्य शुद्धि में शामिल हैं। इसमें अशुद्ध वाक्यों को सही रूप में बदलना, वर्तनी सुधारना और व्याकरणिक दोष हटाना सिखाया जाता है। यह अध्याय परीक्षा में अवश्य पूछा जाता है और 2–3 अंकों का होता है।

14. अपठित गद्यांश – यह व्याकरण से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण भाग है जिसमें व्याख्यात्मक क्षमता, शब्दार्थ, भावार्थ और समझ पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। दो अपठित गद्यांश दिए जाते हैं और प्रत्येक से 4–5 प्रश्न पूछे जाते हैं। यह अध्याय छात्रों की पढ़ने और समझने की क्षमता को मजबूत करता है।

Bihar Board Class 10 निबंध लेखन सिलेबस

बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी विषय-2 में निबंध लेखन (250–300 शब्दों में) एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें छात्रों की भाषा-शैली, अभिव्यक्ति क्षमता, विचार प्रस्तुत करने की क्षमता और लेखन कौशल का मूल्यांकन किया जाता है। बोर्ड परीक्षा में आमतौर पर दिए गए सूचीबद्ध विषयों में से किसी एक पर निबंध लिखने का प्रश्न पूछा जाता है।

निबंध लेखन के लिए निर्धारित विषय (Important Essay Topics)

  1. आदर्श विद्यार्थी
  2. वसंत ऋतु
  3. भारतीय कृषक
  4. खेलकूद का महत्त्व
  5. बेरोजगारी – समस्या एवं समाधान
  6. स्त्री शिक्षा
  7. मेरा प्रिय कवि / लेखक
  8. विज्ञान : वरदान या अभिशाप
  9. आदर्श अध्यापक
  10. भ्रष्टाचार की समस्या
  11. राष्ट्रीय एकता
  12. कंप्यूटर
  13. स्वतंत्रता दिवस
  14. मेरी प्रिय पुस्तक
  15. समय का महत्त्व
  16. छात्र और अनुशासन
  17. दहेज प्रथा : एक अभिशाप
  18. स्वास्थ्य और व्यायाम
  19. मेरा आदर्श महापुरुष
  20. समाचार पत्र का महत्त्व
  21. दुर्गापूजा
  22. दीपावली
  23. परिश्रम की महत्ता
  24. आतंकवाद
  25. 26 जनवरी
  26. पुनरावृत्ति / रिवीजन

निबंध लेखन में मूल्यांकन के मुख्य बिंदु

  • विचारों की स्पष्टता
  • विषय की उचित समझ
  • भाषा की शुद्धता
  • व्याकरणिक त्रुटि रहित लेखन
  • तार्किक प्रस्तुति
  • पैराग्राफ का संतुलित विन्यास
  • शब्द सीमा का पालन
  • प्रभावी निष्कर्ष

Bihar Board Class 10 पत्र-लेखन सिलेबस

बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी विषय-2 में पत्र-लेखन का महत्वपूर्ण भाग शामिल है। इसमें विद्यार्थियों से अनौपचारिक (Informal Letter) तथा औपचारिक (Formal Letter)—दोनों प्रकार के पत्र पूछे जा सकते हैं। पत्र-लेखन में लगभग 100 शब्द की सीमा निर्धारित है और भाषा सरल, स्पष्ट एवं व्याकरण-संपन्न होनी चाहिए।

नीचे पाठ्यक्रम के अनुसार पत्र-लेखन के सभी विषय दिए गए हैं:

1️⃣ अनौपचारिक पत्र (Informal Letters)

  • मित्र को — आपने अपना जन्मदिन कैसे मनाया
  • मित्र को — चिड़ियाघर की सैर का वर्णन
  • छोटे भाई को — अध्ययन के लिए प्रेरित करना
  • छोटे भाई को — समय का महत्त्व बताते हुए
  • मित्र को — विद्यालय की किसी मनोरंजक घटना के बारे में
  • छोटी बहन को — वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर बधाई
  • पिताजी को — छात्रावास जीवन के अनुभव
  • मित्र को — सत्संगति का महत्त्व
  • मित्र को — अपने प्रिय शिक्षक के बारे में
  • मित्र को — दुर्गापूजा की छुट्टियों में कुछ दिन साथ बिताने का प्रस्ताव
  • मित्र को — किसी ऐतिहासिक/धार्मिक स्थल की यात्रा
  • मित्र को — विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम (विज्ञान प्रदर्शनी / पुस्तक मेला / बिहार दिवस)
  • पिताजी को — बोर्ड परीक्षा की तैयारी
  • पिताजी को — अपने जीवन के लक्ष्य के बारे में
  • बड़ी बहन को — आपने नववर्ष कैसे मनाया
  • पुनरावृत्ति

2️⃣ औपचारिक पत्र (Formal Letters)

औपचारिक पत्रों में उचित प्रारूप, विनम्र भाषा और मुद्दे की स्पष्ट प्रस्तुति अपेक्षित है।

  • प्रधानाध्यापक को — छात्रावास में स्थान के लिए आवेदन
  • प्रधानाध्यापक को — पुनः नामांकन हेतु आवेदन
  • प्रधानाध्यापक को — विद्यालय में सफाई, पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था
  • नगर निगम के मेयर को — सड़कों पर प्रकाश की व्यवस्था में सुधार हेतु
  • प्रधानाध्यापक को — अवकाश के लिए आवेदन (बीमारी/परिवार कार्यक्रम)
  • प्रधानाध्यापक को — फीस/अनुपस्थिति दंड माफ़ करने का अनुरोध
  • सड़क निर्माण अभियंता को — सड़कों की जर्जर स्थिति सुधारने हेतु
  • मेयर को — डेंगू के प्रकोप से बचाव व्यवस्था के लिए
  • समाचार पत्र के संपादक को —
    • बढ़ते अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए
    • चुनाव सुधार के विषय में सुझाव
  • प्रधानाध्यापक को — छात्रवृत्ति/निर्धन कोष से सहायता के लिए आवेदन
  • प्रबंधक को — किसी पत्रिका का नियमित ग्राहक बनने हेतु आवेदन
  • विद्युत अभियंता को — अधिक बिजली बिल आने की शिकायत
  • प्रधानाध्यापक को — चरित्र प्रमाण पत्र के लिए आवेदन
  • पुनरावृत्ति

Bihar Board Class 10 संवाद-लेखन Syllabus

बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी विषय-2 में संवाद-लेखन छात्रों की अभिव्यक्ति क्षमता, परिस्थिति के अनुरूप भाषा प्रयोग, वार्तालाप प्रस्तुति और व्याकरणिक शुद्धता का मूल्यांकन करने के लिए शामिल किया गया है। संवाद-लेखन में दो व्यक्तियों के बीच किसी विषय पर स्वाभाविक, सरल और तर्कपूर्ण बातचीत प्रस्तुत करनी होती है। इस भाग में कुल 10 प्रमुख संवाद विषय शामिल हैं, जिनसे परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते हैं। नीचे संवाद-लेखन के सभी विषयों की विस्तृत व्याख्या दी गई है।

1. दो यात्रियों के बीच संवाद – यह संवाद आमतौर पर ट्रेन या बस में यात्रा करते समय दो अनजान यात्रियों के बीच होने वाली स्वाभाविक बातचीत को दर्शाता है। इसमें यात्रा का उद्देश्य, टिकट, सीट व्यवस्था, रास्ते की स्थिति, यात्रा का अनुभव, तथा सफर में आने वाली रोचक या परेशान करने वाली स्थितियों का उल्लेख होता है। यह संवाद छात्रों में शिष्टाचार, सौजन्यपूर्ण व्यवहार और सामाजिक संप्रेषण की कला विकसित करता है।

2. दुकानदार और ग्राहक के बीच संवाद – यह संवाद खरीदारी की सामान्य परिस्थिति पर आधारित होता है, जिसमें वस्तुओं की कीमत, गुणवत्ता, उपलब्धता, महँगाई और छूट जैसे मुद्दों पर बातचीत होती है। इसमें ग्राहक और दुकानदार दोनों के तर्क और प्रतिक्रिया स्वाभाविक ढंग से प्रस्तुत किए जाते हैं। यह संवाद छात्रों को विनम्र भाषा, सौदेबाजी के शिष्ट तरीके और दैनिक जीवन की वास्तविक परिस्थितियों से परिचित कराता है।

3. छात्र और शिक्षक के बीच संवाद – इस संवाद में अध्ययन से संबंधित प्रश्न, परीक्षा की तैयारी, कठिन अध्यायों पर मार्गदर्शन, समय प्रबंधन और अध्ययन की रणनीति जैसे विषयों पर चर्चा होती है। यह संवाद छात्रों को सम्मानपूर्वक प्रश्न पूछने, शिक्षक के निर्देश समझने और संवाद कुशलता बढ़ाने में सहायता करता है।

4. परीक्षा के बाद दो छात्रों के बीच संवाद – इस संवाद में दो विद्यार्थी परीक्षा के तुरंत बाद प्रश्नपत्र पर चर्चा करते हैं। इसमें पेपर की कठिनाई, कौन-से प्रश्न अच्छे से हुए, किन प्रश्नों में कठिनाई आई, अगले पेपर की तैयारी, और परीक्षा अनुभव जैसे पहलुओं पर बातचीत होती है। यह संवाद छात्रों को आत्मविश्लेषण और अनुभव साझा करने की आदत विकसित करता है।

5. रोगी और चिकित्सक के बीच संवाद – यह संवाद अस्पताल या क्लिनिक की परिस्थिति पर आधारित होता है, जहाँ मरीज चिकित्सक से अपनी समस्या बताता है और चिकित्सक उसे उचित परामर्श, दवा और सावधानियाँ बताते हैं। इस संवाद में बीमारी के लक्षण, इलाज की आवश्यकता और स्वास्थ्य संबंधी महत्वपूर्ण बातें शामिल होती हैं। यह छात्रों को स्वास्थ्य जागरूकता और औपचारिक विनम्र भाषा का अभ्यास कराता है।

6. दो गृहिणियों के बीच संवाद – यह संवाद घरेलू जीवन और सामाजिक परिस्थितियों से जुड़ा होता है। इसमें महँगाई, घरेलू खर्च, परिवार की ज़िम्मेदारियाँ, बच्चों की पढ़ाई तथा समाज में हो रही घटनाओं पर बातचीत होती है। यह संवाद छात्रों को घरेलू मुद्दों, सामाजिक समझ और अभिव्यक्ति क्षमता विकसित करने में मदद करता है।

7. माता–पिता के बीच संवाद – इस संवाद में माता और पिता बच्चे की पढ़ाई, परीक्षा परिणाम, अनुशासन, आदतें, व्यवहार और भविष्य की योजना पर चर्चा करते हैं। यह संवाद पारिवारिक चिंताओं, स्नेह, अपेक्षाओं और बच्चों के प्रति जिम्मेदारियों को अभिव्यक्त करता है। इससे छात्र पारिवारिक संप्रेषण की शैली को समझते हैं।

8. दो छात्रों के बीच संवाद – यह संवाद आमतौर पर मोबाइल फोन के दुरुपयोग, सोशल मीडिया की लत, पढ़ाई में व्यवधान, परीक्षा की तैयारी और अनुशासन जैसे विषयों पर आधारित होता है। यह संवाद छात्रों को तकनीक के सही उपयोग, समय प्रबंधन और जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार की सीख देता है।

9. परीक्षा की तैयारी पर छात्र–शिक्षक संवाद – इस संवाद में शिक्षक छात्रों को अध्ययन की योजनाएँ, महत्वपूर्ण अध्याय, नोट्स बनाने के तरीके, मॉक टेस्ट की आवश्यकता और परीक्षा के तनाव को कम करने के उपाय बताते हैं। यह संवाद छात्रों को दिशा, प्रेरणा और आत्मविश्वास प्रदान करता है।

10. पुनरावृत्ति (Revision Dialogues) – यह भाग पूर्व में किए गए सभी संवादों का अभ्यास कराने के लिए शामिल किया जाता है। परीक्षा में किसी भी विषय पर संवाद पूछा जा सकता है ताकि छात्र प्राकृतिक ढंग से वार्तालाप प्रस्तुत कर सकें। इस चरण से संवाद-लेखन में प्रवाह, भाषा-शुद्धि और अभिव्यक्ति कौशल और मजबूत होता है।

How to Download Bihar Board 10th Hindi Syllabus 2026

बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं हिंदी का पूरा सिलेबस डाउनलोड करना बहुत आसान है। छात्र नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके आधिकारिक वेबसाइट से PDF डाउनलोड कर सकते हैं:

  • Step 1 – सबसे पहले Bihar Board की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ biharboardonline.bihar.gov.in
  • Step 2 – होमपेज पर ऊपर दिए गए तीन लाइन (Menu) पर क्लिक करें और वहाँ से Syllabus वाले विकल्प को चुनें।
  • Step 3 – अब आपको “Class X Syllabus” का लिंक दिखाई देगा। इस लिंक पर क्लिक करें।
  • Step 4 – लिंक खुलते ही कक्षा 10वीं हिंदी का पूरा सिलेबस आपके मोबाइल या लैपटॉप में PDF के रूप में डाउनलोड हो जाएगा।

कक्षा 10वीं हिंदी की बेहतर तैयारी कैसे करें?

अगर आप बिहार बोर्ड 10वीं हिंदी में अच्छे अंक लाना चाहते हैं, तो इन महत्वपूर्ण स्टेप्स को ज़रूर फॉलो करें:

  • सबसे पहले पूरा सिलेबस ध्यान से पढ़ें और समझें।
  • सभी अध्यायों के लेखक परिचय को अच्छी तरह याद करें।
  • प्रत्येक पाठ को लाइन बाय लाइन पढ़ें और उसका सार समझें।
  • हिंदी व्याकरण (Grammar) के सभी टॉपिक्स—संज्ञा, सर्वनाम, समास, संधि, विलोम, पर्यायवाची आदि—को मजबूत करें।
  • पिछले 5 वर्षों के प्रश्न पत्र (PYQs) को हल करें।
  • मॉडल सेट खुद से लिखकर सॉल्व करें।
  • समय-समय पर मौखिक और लिखित टेस्ट देकर अभ्यास बढ़ाएँ।

इन छोटे-छोटे कदमों से आपकी परीक्षा की तैयारी मज़बूत होगी और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

कक्षा 10वीं हिंदी की तैयारी कहाँ से करें?

• कोचिंग संस्थान:
अगर आपके क्षेत्र में कोई अच्छा कोचिंग संस्थान है, तो वहाँ रेगुलर क्लास करना सबसे बेहतर तरीका है। इससे आपको सही गाइडेंस और नियमित अभ्यास मिलता है।

• फ्री ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म:
यदि आप अधिक खर्च नहीं करना चाहते, तो YouTube, Google, और Free PDF Notes के माध्यम से भी पूरी तैयारी कर सकते हैं। आजकल लगभग हर टॉपिक के बेहतरीन वीडियो उपलब्ध हैं।

• ऑनलाइन कोर्स:
आप चाहें तो किसी विश्वसनीय ऑनलाइन ऐप से कोर्स खरीदकर भी घर बैठे तैयारी कर सकते हैं। इसमें अध्यायवार वीडियो, टेस्ट सीरीज़ और प्रैक्टिस सेट मिल जाते हैं।

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निष्कर्ष

Bihar Board द्वारा जारी कक्षा 10 हिंदी (गोधूलि-2 व वर्णिका-2) का यह पूरा सिलेबस पढ़ने-समझने में साफ और उपयोगी है। इसमें गद्य, काव्य, व्याकरण और लेखन-खंड—निबंध, पत्र, संवाद और अपठित—सब कुछ शामिल है, जिससे परीक्षा की तैयारी व्यवस्थित तरीके से की जा सकती है।

अगर आप नियमित रूप से हर अध्याय का अर्थ समझकर पढ़ेंगे, निबंध-पत्र लिखकर अभ्यास करेंगे और पुराने प्रश्नपत्र-या मॉडल टेस्ट हल करेंगे तो परीक्षा में काफी आराम से अच्छे नंबर ला सकते हैं। छोटे-छोटे नोट्स बनाइए, व्याकरण के कॉन्सेप्ट साफ रखें और संवाद/अपठित पर रोज हल करके फ्लुएंसी बढ़ाइए।

FAQ – Bihar Board 10th Hindi Syllabus 2026

Q1. बिहार बोर्ड 10वीं हिंदी सिलेबस 2026 में कौन-कौन सी पुस्तकें शामिल हैं?
Ans. इस सिलेबस में दो पुस्तकें शामिल हैं – गोधूलि भाग-2 और वर्णिका भाग-2। इसके साथ व्याकरण, निबंध, पत्र, संवाद और अपठित गद्यांश भी शामिल होते हैं।

Q2. Bihar Board Class 10 Hindi में लेखन-खंड में क्या-क्या पूछा जाता है?
Ans. लेखन-खंड में मुख्य रूप से निबंध लेखन, पत्र-लेखन, संवाद-लेखन और कभी-कभी छोटा लेख या रिपोर्ट पूछी जाती है।

Q3. हिंदी व्याकरण में कौन से टॉपिक सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं?
Ans. संज्ञा, सर्वनाम, वचन, लिंग, क्रिया, काल, समास, संधि, विलोम, पर्यायवाची, लोकोक्तियाँ, उपसर्ग-प्रत्यय और वाक्य-शुद्धि परीक्षा के प्रमुख विषय हैं।

Q4. क्या गोधूलि और वर्णिका दोनों से परीक्षा में प्रश्न आते हैं?
Ans. हाँ, दोनों पुस्तकों से प्रश्न आते हैं। गोधूलि से गद्य और कविता दोनों के प्रश्न पूछे जाते हैं, जबकि वर्णिका से दीर्घ व लघु प्रश्न पूछे जाते हैं।

Q5. क्या अपठित गद्यांश मुश्किल होता है?
Ans. नहीं, यह सामान्य स्तर का होता है। नियमित पढ़ने और अभ्यास से इसे आसानी से हल किया जा सकता है और अच्छे अंक मिलते हैं।

Q6. Hindi परीक्षा में अच्छे अंक कैसे प्राप्त किए जा सकते हैं?
Ans. इसके लिए गोधूलि और वर्णिका के सभी अध्यायों को समझें, व्याकरण का नियमित अभ्यास करें, निबंध-लेखन व संवाद-लेखन को हाथ से लिखें और मॉडल पेपर हल करें।

Q7. क्या संवाद-लेखन हर साल पूछा जाता है?
Ans. संवाद-लेखन अक्सर एक विकल्प के रूप में पूछा जाता है और सही फॉर्मेट में लिखने पर इसमें अंक आसानी से मिल जाते हैं।

Q8. क्या 2026 का हिंदी सिलेबस नया है?
Ans. Bihar Board ने 2026 के लिए सिलेबस को अद्यतन किया है। संरचना लगभग समान है, लेकिन कुछ हिस्सों में आवश्यक परिवर्तन किए गए हैं।

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