Bihar Board 10th Sanskrit Syllabus 2026 बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) द्वारा जारी कर दिया गया है। इस वर्ष का संस्कृत सिलेबस दो मुख्य भागों पर आधारित है—पीयूषम् भाग-2 और संस्कृत व्याकरण। इसमें गद्य, पद्य, नीतिश्लोक, चरित्रांकन, भारतीय संस्कृति से जुड़े अध्यायों के साथ-साथ व्याकरण, अनुवाद, पत्र-लेखन और अनुच्छेद-लेखन को भी शामिल किया गया है।
यह सिलेबस छात्रों को संस्कृत भाषा की मूल संरचना, साहित्यिक अध्यायों की गहराई और व्याकरणिक शुद्धता को समझने में मदद करता है। यदि विद्यार्थी इस पाठ्यक्रम का नियमित अभ्यास करते हैं, तो वे न केवल परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त कर सकते हैं बल्कि संस्कृत भाषा की समझ भी मजबूत बना सकते हैं।
इस लेख में आप Bihar Board 10th Sanskrit Syllabus 2026 के सभी अध्याय, व्याकरण टॉपिक, लेखन खंड और परीक्षा पैटर्न को विस्तार से समझ पाएंगे।
Bihar Board 10th Sanskrit Syllabus 2026 – Overview
बिहार बोर्ड द्वारा जारी कक्षा 10वीं संस्कृत सिलेबस 2026 विद्यार्थियों के लिए एक संतुलित और पूर्ण पाठ्यक्रम प्रस्तुत करता है। यह सिलेबस मुख्य रूप से पीयूषम् भाग-2 के अध्यायों और संस्कृत व्याकरण के महत्वपूर्ण टॉपिक्स पर आधारित है। साथ ही इसमें अपठित गद्यांश, अनुवाद, पत्र-लेखन, अनुच्छेद लेखन और व्याकरण अभ्यास जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं जो छात्रों की भाषा दक्षता, समझ, लेखन क्षमता और व्याकरणिक ज्ञान को मजबूत बनाती हैं।
यह पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को संस्कृत भाषा के साहित्य, संस्कृति और व्याकरण को सरल और प्रभावी तरीके से सीखने में मदद करता है। नीचे दिया गया ओवरव्यू विद्यार्थियों को सिलेबस की संरचना एक नज़र में समझने में सहायक होगा।
| विषय | विवरण |
|---|---|
| बोर्ड का नाम | बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB), पटना |
| कक्षा | कक्षा 10 (मैट्रिक) |
| विषय | संस्कृत (द्वितीय भारतीय भाषा) |
| कुल अंक | 100 अंक |
| मुख्य पुस्तक | पीयूषम् भाग–2 |
| व्याकरण पुस्तक | संस्कृत व्याकरण |
| सिलेबस घटक | गद्य, पद्य, नीतिश्लोक, संस्कृत संस्कृति, व्याकरण, अनुवाद, पत्र-लेखन, अनुच्छेद-लेखन, अपठित गद्यांश |
| व्याकरण विषय | संधि, समास, वचन, धातुरूप, कारक-विभक्ति, उपसर्ग, प्रत्यय, सर्वनाम, अनुवाद |
| लेखन कौशल | पत्र-लेखन, अनुच्छेद-लेखन, अनुवाद |
| परीक्षा पैटर्न | ऑब्जेक्टिव + सब्जेक्टिव प्रश्न |
| प्रमुख घटक | अपठित गद्यांश, व्याकरण, पाठ्यपुस्तक प्रश्न, अनुवाद, लेखन कार्य |
| आधिकारिक वेबसाइट | biharboardonline.com |
Bihar Board 10th Sanskrit Marking Scheme 2026
बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं संस्कृत परीक्षा कुल 100 अंकों की होती है। प्रश्नपत्र में ऑब्जेक्टिव + सब्जेक्टिव दोनों प्रकार के प्रश्न शामिल होते हैं। नीचे मार्किंग स्कीम का पूरा विवरण दिया गया है, ताकि छात्र अपनी तैयारी सही ढंग से कर सकें।
1. अपठित अवबोधनम् (Unseen Comprehension) – 13 अंक
दो अपठित गद्यांश दिए जाएंगे।
प्रत्येक गद्यांश पर एक पद वाले और एक वाक्य वाले प्रश्न पूछे जाएंगे।
2. रचनात्मकं कार्यम् (Creative Writing) – 15 अंक
(क) पत्र-लेखनम् – 8 अंक
औपचारिक या अनौपचारिक पत्र।
(ख) अनुच्छेद-लेखनम् – 7 अंक
दिए गए किसी विषय पर (लगभग 7 वाक्यों में) अनुच्छेद।
3. अनुप्रयुक्त-व्याकरणम् – 24 अंक
इसमें संस्कृत व्याकरण के प्रमुख टॉपिक्स से प्रश्न पूछे जाते हैं—
शब्दरूप, धातुरूप, संधि, समास, कारक-विभक्ति, उपसर्ग, प्रत्यय, सर्वनाम आदि।
4. अनुवादं (Translation) – 6 अंक
दिए गए सरल वाक्यों का मातृभाषा से संस्कृत में अनुवाद।
5. पठित अवबोधनम् (Seen Comprehension / Textbook) – 42 अंक
पीयूषम् भाग–2 के सभी अध्यायों से आधारित प्रश्न—
लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय, व्याख्यात्मक प्रश्न।
Bihar Board 10th Sanskrit Syllabus 2026: पाठ्यक्रम के लाभ
1. मजबूत भाषा-आधार विकसित करता है
यह सिलेबस संस्कृत भाषा की बुनियादी समझ—शब्द रूप, धातु रूप, संधि, समास, विभक्ति आदि—को बेहद सुदृढ़ बनाता है, जिससे छात्र व्याकरणिक रूप से अधिक सक्षम बनते हैं।
2. साहित्यिक समझ को समृद्ध करता है
पीयूषम् भाग–2 के अध्याय भारत की संस्कृति, इतिहास, नीति, प्रकृति वर्णन और प्रेरक कथाओं को समाहित करते हैं। यह विद्यार्थियों में साहित्यिक संवेदनशीलता और समझ का विकास करता है।
3. लेखन कौशल में सुधार
पत्र-लेखन, अनुच्छेद-लेखन और अनुवाद जैसे रचनात्मक कार्य विद्यार्थियों की अभिव्यक्ति क्षमता तथा भाषा का व्यावहारिक उपयोग सिखाते हैं।
4. विश्लेषण व व्याख्या क्षमता बढ़ाता है
अपठित गद्यांश और पाठ्य सामग्री पर आधारित प्रश्न छात्रों के comprehension skill को मजबूत करते हैं, जिससे वे जटिल पाठों को आसानी से समझ पाते हैं।
5. उच्च अंक प्राप्त करने में सहायक
संस्कृत विषय में व्याकरण और पाठ्य अध्याय अच्छी तरह समझने पर विद्यार्थी आसानी से उच्च अंक प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि प्रश्न संरचना स्पष्ट और scoring-friendly होती है।
6. प्रतियोगी परीक्षाओं में भी लाभदायक
संस्कृत व्याकरण की समझ आगे चलकर B.Ed, TET, CTET, UPSC जैसे परीक्षाओं में भाषा-आधारित प्रश्न हल करने में सहायक होती है।
7. भारतीय संस्कृति और नैतिक मूल्यों का ज्ञान
अध्यायों में भारत की परंपरा, महापुरुषों के चरित्र, नीति श्लोक, संस्कृति और आध्यात्मिक मूल्यों का सुंदर चित्रण है, जो छात्रों में नैतिक व सांस्कृतिक समझ पैदा करते हैं।
पीयूषम् भाग–2 : विस्तृत पाठ्यक्रम
पीयूषम् भाग–2 बिहार बोर्ड कक्षा 10 संस्कृत विषय की मुख्य पाठ्यपुस्तकों में से एक है, जिसमें कुल 14 अध्याय शामिल हैं। यह पुस्तक संस्कृत गद्य, पद्य, कथाएँ, चरित्र-चित्रण, नीति, भारतीय संस्कृति तथा प्रेरक प्रसंगों जैसे विविध साहित्यिक स्वरूपों को समाहित करती है। यह पाठ्यपुस्तक न केवल भाषा-ज्ञान को मजबूत बनाती है, बल्कि भारतीय ज्ञान–परंपरा, इतिहास और मूल्यों को भी सरल भाषा में प्रस्तुत करती है।
1. मंगलम् (मंगल श्लोक) – यह पाठ शुभभावना, शांति, सद्भाव और सकारात्मक सोच के महत्व को व्यक्त करता है। इसमें जीवन में मंगल की कामना, कल्याण और सौहार्द की भावना व्यक्त की गई है। इस अध्याय के श्लोक विद्यार्थियों में आध्यात्मिकता, शिष्टता और सकारात्मक जीवन-दृष्टि विकसित करते हैं। यह संस्कृत भाषा की मधुर, सरल और काव्यात्मक शैली को सीखने के लिए अत्यंत उपयुक्त पाठ है।
2. पाटलिपुत्रवैभवम् (ऐतिहासिक वर्णन) – इस अध्याय में प्राचीन पाटलिपुत्र नगर की समृद्धि, राजनीतिक महत्ता, स्थापत्य कला और सांस्कृतिक वैभव का विस्तृत वर्णन मिलता है। इसमें छात्रों को प्राचीन भारत की राजधानी, वहाँ की शिक्षा व्यवस्था, विज्ञान, प्रशासन और सामाजिक जीवन की झलक मिलती है। यह पाठ इतिहास, संस्कृति और भाषा—तीनों के ज्ञान को एक साथ विकसित करता है।
3. आलसकथा (नीतिकथा) – ‘आलसकथा’ एक सरल और मनोरंजक नीतिकथा है जो आलस्य के दुष्प्रभावों को दर्शाती है। इसमें बताया गया है कि आलस्य व्यक्ति की प्रगति, आत्मविश्वास और सफलता को बाधित करता है। यह कहानी विद्यार्थियों को परिश्रम, अनुशासन और समय प्रबंधन के महत्व को समझाने में अत्यंत सहायक है।
4. संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः (भारतीय लेखिकाओं का परिचय) – यह अध्याय संस्कृत साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली महिला लेखिकाओं के जीवन, उनकी साहित्यिक रचनाओं, भाषा शैली और सांस्कृतिक दृष्टि का परिचय कराता है। इस पाठ के माध्यम से विद्यार्थी समझते हैं कि प्राचीन भारत में महिलाएँ भी साहित्य, ज्ञान और संस्कृति की महत्वपूर्ण वाहक रही हैं।
5. भारतमहिमा (देशभक्ति एवं गौरव) – इस पाठ में भारत की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता, आध्यात्मिक गहराई और ऐतिहासिक उपलब्धियों का अत्यंत प्रभावशाली वर्णन है। ‘भारतमहिमा’ विद्यार्थियों में राष्ट्रप्रेम, गौरव और जिम्मेदारी की भावना जागृत करता है। इसकी भाषा सरल, प्रेरक और मधुर है, जो इसे छात्रों के लिए अत्यंत रोचक बनाती है।
6. भारतीयसंस्काराः (संस्कृति और परंपराएँ) – यह अध्याय भारतीय संस्कारों जैसे गुरु–शिष्य परंपरा, परिवार व्यवस्था, अतिथि देवो भव, अनुशासन और सामाजिक शुचिता का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत करता है। इसमें बताया गया है कि संस्कार व्यक्ति के चरित्र, व्यवहार और नैतिकता के निर्माण की आधारशिला होते हैं। यह पाठ विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति की जड़ों से जोड़ता है।
7. नीतिश्लोकाः (नीति एवं उपदेश) – इस अध्याय में नीति-शास्त्र से संबंधित छोटे-छोटे किन्तु अत्यंत प्रभावशाली श्लोक शामिल हैं, जिनमें सत्य, भक्ति, धैर्य, परिश्रम, मित्रता, समय-प्रबंधन और आदर्श जीवन के संदेश निहित हैं। ये श्लोक विद्यार्थियों की नैतिक शिक्षा को सुदृढ़ करते हैं और चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
8. कर्मवीरकथा (प्रेरक जीवनचरित्र) – ‘कर्मवीरकथा’ एक ऐसे आदर्श व्यक्तित्व की प्रेरणादायी कहानी है जिसने कठिन परिस्थितियों और चुनौतियों के बीच भी अपने कर्म, साहस और दृढ़ संकल्प से महान सफलता प्राप्त की। यह अध्याय विद्यार्थियों को कर्मयोग, संघर्ष और निरंतर प्रयास का जीवन–संदेश देता है।
9. स्वामी दयानन्दः (चरित्र-चित्रण) – इस अध्याय में स्वामी दयानंद सरस्वती के जीवन, उनके विचारों, समाज सुधार आंदोलन और वैदिक ज्ञान के प्रति उनके समर्पण का विस्तृत वर्णन है। पाठ से विद्यार्थी नेतृत्व, सुधार, सत्य और आत्मबल के महत्व को समझते हैं। यह अध्याय प्रेरक और ज्ञानवर्धक दोनों है।
10. मन्दाकिनीवर्णनम् (प्रकृति-वर्णन) – यह पाठ पवित्र नदी मंदाकिनी के सौंदर्य, उसके निर्मल जल, प्रवाह, पर्वतीय दृश्य और प्रकृति के मनोहारी वातावरण का अत्यंत सुंदर काव्यात्मक चित्रण करता है। भाषा सरल, चित्रमय और प्रभावशाली है, जिससे विद्यार्थी प्रकृति के सौंदर्य को सजीव अनुभव करते हैं।
11. व्याघ्रपथिककथा (कहानी) – यह एक रोमांचक कथा है जिसमें राहगीर और बाघ से संबंधित प्रसंग दर्शाया गया है। कहानी में साहस, बुद्धिमानी और समय पर लिए गए सही निर्णय के महत्व को दिखाया गया है। यह पाठ विद्यार्थियों के लिए रोचक और शिक्षाप्रद दोनों है।
12. कर्णस्य दानवीरता (महाभारत प्रसंग) – यह अध्याय महाभारत के महान योद्धा कर्ण की अतुलनीय दानशीलता, उदारता और त्याग का प्रेरणादायी वर्णन प्रस्तुत करता है। इसमें बताया गया है कि विपरीत परिस्थितियों में भी कर्ण ने दान और धर्म का पालन किया। यह पाठ विद्यार्थियों में नैतिकता, सहानुभूति और आदर्श जीवन के प्रति प्रेरणा जगाता है।
13. विश्वशान्तिः (शांति एवं मानवता) – इस अध्याय में विश्व शांति, सहअस्तित्व, भाईचारे और मानवीय एकता के महत्व पर प्रकाश डाला गया है। इसमें बताया गया है कि मानवता तभी सुरक्षित और समृद्ध हो सकती है जब राष्ट्र और समाज परस्पर सम्मान और सहयोग की भावना रखें। यह पाठ वर्तमान वैश्विक समय में अत्यंत प्रासंगिक है।
14. शास्त्रकाराः (विद्वानों का परिचय) – इस अध्याय में पाणिनि, पतंजलि, कौटिल्य जैसे महान भारतीय शास्त्रकारों के जीवन, उनके ग्रंथों, दर्शन और ज्ञान–परंपरा का विस्तृत परिचय दिया गया है। यह विद्यार्थियों को प्राचीन भारत की विद्वत्ता, वैज्ञानिक दृष्टि और ज्ञान परंपरा से गहराई से जोड़ता है।
संस्कृत व्याकरण : विस्तृत सिलेबस
बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं संस्कृत में व्याकरण का भाग कुल 24 अंकों का होता है। यह खंड scoring माना जाता है और नियमित अभ्यास से छात्र लगभग पूरे अंक प्राप्त कर सकते हैं। इस सिलेबस में शब्दरूप, धातुरूप, संधि, समास, उपसर्ग, प्रत्यय, विभक्ति और अनुवाद जैसे सभी महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। नीचे पूरा व्याकरण सिलेबस सरल और परीक्षा-उन्मुख तरीके से अध्यायवार प्रस्तुत है।
1. शब्दरूप – इसमें संज्ञाओं के लिंग, वचन और विभक्ति के अनुसार रूपों का अभ्यास कराया जाता है। अजन्त शब्दों में कवि, साधु, पितृ, लता तथा हलन्त शब्दों में पथिन्, पुमान्, आत्मन्, पयस् आदि शामिल हैं। यह अभ्यास विद्यार्थियों को संस्कृत शब्दों की संरचना और उनके सही प्रयोग को समझने में मदद करता है।
2. सर्वनाम रूप – इस भाग में अस्मद्, युष्मद्, तत्, एतत् और किम् जैसे सर्वनामों के सभी रूप पढ़ाए जाते हैं। इससे विद्यार्थी वाक्य में सर्वनामों का सही प्रयोग सीखते हैं और भाषा अधिक शुद्ध व स्वाभाविक बनती है।
3. संख्यावाची शब्द – इसमें एक, द्वि, त्रि, चतुर् जैसे संख्यावाची शब्दों के रूपों और प्रयोग का अध्ययन कराया जाता है। यह अध्याय संस्कृत में गणना और संख्या–आधारित वाक्य बनाने की क्षमता विकसित करता है।
4. धातुरूप – भू, गम्, स्था, दृश्, पा, दा, नृत्, ज्ञा, वद्, श्रु आदि धातुओं के लट्, लङ्, लोट् और विधिलिङ् लकारों में रूपों का अभ्यास कराया जाता है। इससे विद्यार्थी क्रिया–रूप, काल, पुरुष और वचन के अनुसार सही प्रयोग करना सीखते हैं।
5. संधि – स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि के नियमों का अभ्यास कराया जाता है। विद्यार्थी संधि निर्माण और संधि विच्छेद के माध्यम से शब्दों की ध्वनि–परिवर्तन प्रक्रिया को समझते हैं।
6. समास – तत्पुरुष, कर्मधारय, द्विगु, बहुव्रीहि और अव्ययीभाव समासों का अध्ययन इसमें शामिल है। विद्यार्थी समास की पहचान, विग्रह और उसका अर्थ समझते हैं, जिससे शब्द–रचना की समझ गहरी होती है।
7. उपसर्ग – प्र, परा, अनु, वि, अव्, सम्, प्रति, निर्, दुर्, अभि, आ, अधि, परि, उप, सु, कु, निस्, उत् और अति जैसे उपसर्गों का अर्थ और प्रयोग पढ़ाया जाता है। इससे विद्यार्थी जान पाते हैं कि उपसर्ग शब्द के अर्थ को किस प्रकार बदल देता है।
8. प्रत्यय – इसमें कृदन्त और तद्धित प्रत्ययों का अध्ययन कराया जाता है, जैसे तव्यत्, अनीयर्, क्त, क्तवतु, शानच, वुल्, ल्युट्, अणु, ठक्, ढक्, तल, त्व, मतुप् आदि। यह अध्याय शब्द निर्माण की प्रक्रिया को समझने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
9. स्त्री–प्रत्यय – टाप्, ङी और ङीष् जैसे प्रत्ययों का प्रयोग सिखाया जाता है जिसके द्वारा पुल्लिंग व नपुंसकलिंग शब्दों को स्त्रीलिंग में बदला जाता है। इससे विद्यार्थी स्त्रीलिंग शब्दों के सही रूप बनाना सीखते हैं।
10. कारक एवं विभक्ति – कर्ता, कर्म, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध और अधिकरण कारक के अनुसार विभक्तियों का प्रयोग कराया जाता है। यह अध्याय संस्कृत वाक्य–निर्माण की नींव है जो वाक्य में प्रत्येक पद की भूमिका स्पष्ट करता है।
11. अनुवाद – छात्रों को मातृभाषा (हिंदी) के वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कराना सिखाया जाता है। इससे विभक्ति, धातु, काल, समास और संधि का व्यावहारिक प्रयोग मजबूत होता है।
12. वाक्य–शुद्धि – अशुद्ध वाक्यों को सुधारने के अभ्यास से विद्यार्थी वर्तनी–दोष, विभक्ति–दोष, संधि–दोष, धातु–दोष और समास–दोष पहचानकर वाक्य को शुद्ध बनाना सीखते हैं।
13. श्लोक / गद्यांश आधारित व्याकरण – श्लोक या गद्यांश में आए शब्दों के रूप, अर्थ, धातु, संधि, समास, विभक्ति और कारक के आधार पर प्रश्न पूछे जाते हैं। यह पूरा अभ्यास व्याकरण के व्यावहारिक ज्ञान को जांचने का सबसे प्रभावी माध्यम होता है।
Bihar Board 10th Sanskrit Syllabus 2025-26 PDF कैसे डाउनलोड करें?
बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं संस्कृत सिलेबस की PDF डाउनलोड करना बहुत आसान है। छात्र नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके आधिकारिक वेबसाइट से पूरा पाठ्यक्रम अपने मोबाइल या लैपटॉप में डाउनलोड कर सकते हैं।
Step 1 – सबसे पहले बिहार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट biharboardonline.com पर जाएँ।
Step 2 – अब ऊपर दाईं ओर दिए गए थ्री लाइन (☰) मेनू पर क्लिक करें।
Step 3 – यहाँ आपको “Syllabus” नाम का विकल्प दिखाई देगा, उस पर क्लिक करें।
Step 4 – अब आपके सामने “Class 9 & 10 Syllabus” का लिंक दिखेगा—इस पर क्लिक करें।
Step 5 – अगले पेज में से “Class 10 Sanskrit Syllabus PDF” चुनें।
Step 6 – PDF तुरंत आपके मोबाइल/लैपटॉप में डाउनलोड हो जाएगी, जिसे आप आसानी से ओपन करके पढ़ सकते हैं।
कक्षा 10वीं संस्कृत की बेहतर तैयारी कैसे करें?
- सबसे पहले पूरा Syllabus ध्यान से पढ़ें – कौन सा अध्याय कितना महत्वपूर्ण है और किस भाग से कितने अंक आते हैं, यह जानने से तैयारी आसान हो जाती है।
- पाठ्यपुस्तक पीयूषम् को लाइन-दर-लाइन पढ़ें – कहानी, श्लोक, गद्य और नीतिकथाओं का अर्थ समझकर पढ़ना सबसे प्रभावी तरीका है।
- संस्कृत व्याकरण का रोज अभ्यास करें – शब्दरूप, धातुरूप, संधि, समास और विभक्ति परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक दिलाते हैं।
- शब्दरूप और धातुरूप लिखकर याद करें – लिखने से रूप पक्का बैठता है और परीक्षा में गलती की संभावना कम होती है।
- हर अध्याय का छोटा सार तैयार करें – रिवीजन के समय यह सबसे उपयोगी तरीका साबित होता है और याददाश्त मजबूत करता है।
- पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र हल करें – इससे बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों और परीक्षा के पैटर्न का अंदाजा मिलता है।
- मॉडल पेपर समय सीमा में सॉल्व करें – इससे गति और सटीकता दोनों बढ़ती हैं और समय प्रबंधन बेहतर होता है।
- अनुवाद, पत्र-लेखन और अनुच्छेद लेखन का अभ्यास करें – ये आसान और स्कोरिंग भाग हैं, जिन्हें छात्र अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं।
- कठिन श्लोकों और गद्यांशों के अर्थ समझें – अर्थ समझ लेने से एक-पद / व्याख्या वाले प्रश्न आसानी से हल होते हैं।
- जहाँ भी अटकें, शिक्षक या ऑनलाइन वीडियो लेक्चर की मदद लें – आज अनेक Free संसाधन उपलब्ध हैं, बस उनका सही उपयोग करें।
कक्षा 10वीं संस्कृत की बेहतर तैयारी कहाँ से करें?
- सबसे पहले अपने स्कूल या स्थानीय कोचिंग में नियमित क्लास अटेंड करें – नियमित मार्गदर्शन से विषय की पकड़ मजबूत होती है और कठिन अध्याय भी आसानी से समझ में आते हैं।
- यदि कोचिंग संभव न हो तो YouTube और Google के Free संसाधनों का उपयोग करें – आज सैकड़ों बेहतरीन वीडियो लेक्चर, पीडीएफ नोट्स और महत्वपूर्ण प्रश्न ऑनलाइन उपलब्ध हैं, जिनसे आप घर बैठे तैयारी कर सकते हैं।
- संस्कृत की पीयूषम् और संस्कृत व्याकरण की मूल पुस्तकें ही मुख्य स्रोत बनाएं – बोर्ड के अधिकतर प्रश्न सीधे इन्हीं पुस्तकों की लाइनों से पूछे जाते हैं, इसलिए इन्हें बार-बार पढ़ना बेहद ज़रूरी है।
- पिछले 5 वर्षों के प्रश्नपत्र और मॉडल सेट हल करें – इससे परीक्षा पैटर्न, प्रश्नों का स्तर और बार-बार पूछे जाने वाले टॉपिक्स आसानी से समझ आ जाते हैं।
- ऑनलाइन टेस्ट सीरीज़ / क्विज़ का उपयोग करें – इससे आपकी गति, सटीकता और OMR प्रैक्टिस दोनों बेहतर होती हैं, जो संस्कृत में उच्च अंक लाने के लिए बहुत जरूरी है।
- जहाँ भी समझने में कठिनाई आए, वहीं तुरंत समाधान खोजें – शिक्षक से पूछें, दोस्तों से चर्चा करें या किसी भरोसेमंद ऑनलाइन लेक्चर की मदद लें।
समय रहते समस्या हल करना ही अच्छी तैयारी की कुंजी है। - स्वयं छोटे-छोटे नोट्स बनाकर पढ़ें – रूप, संधि, समास, श्लोक, अर्थ और अभ्यास प्रश्नों के नोट्स आपकी तेजी से रिवीजन करने में मदद करेंगे।
Important Links
| Bihar Board 10th Hindi Syllabus 2026 | Download Pdf |
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| BSEB 12th Date Sheet 2026 | BSEB 12th Syllabus 2026 |
| BSEB 12th Admit Card 2026 | BSEB 12th Result 2026 |
Conclusion
बिहार बोर्ड कक्षा 10 संस्कृत सिलेबस 2025-26 छात्रों के लिए एक संतुलित और स्कोरिंग पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जिसमें पीयूषम् भाग–2 और संस्कृत व्याकरण दोनों ही मजबूत आधार बनाते हैं। इस सिलेबस की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें भाषा-ज्ञान, श्लोक-अध्ययन, कहानी, गद्य, अनुवाद, पत्र-लेखन और व्याकरण—सभी का संतुलित मिश्रण है, जिससे विद्यार्थी संस्कृत विषय की वास्तविक समझ विकसित कर पाते हैं।
संस्कृत एक ऐसा विषय है जिसमें नियमित अभ्यास, रूपों की लिखित प्रैक्टिस, मॉडल पेपर सॉल्व करना और समय पर पुनरावृत्ति ही सफलता की कुंजी है। यदि छात्र सिलेबस को सही दिशा में, निर्धारित योजना के साथ और लगातार अभ्यास के साथ पढ़ें, तो इस विषय में 90+ अंक लाना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है।
अंत में, याद रखें—संस्कृत जितना पढ़ेंगे, उतना आसान लगेगा। सही रणनीति, समय प्रबंधन और नियमित अभ्यास ही आपको बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट परिणाम दिला सकते हैं।
FAQ – Bihar Board 10th Sanskrit Syllabus 2025-26
प्रश्न 1: बिहार बोर्ड 10वीं संस्कृत का नया सिलेबस कहाँ से डाउनलोड करें?
आप नया सिलेबस सीधे Bihar Board की आधिकारिक वेबसाइट biharboardonline.com से डाउनलोड कर सकते हैं। सिलेबस सेक्शन में “Class X Syllabus” लिंक पर क्लिक करें और PDF डाउनलोड करें।
प्रश्न 2: 10वीं संस्कृत की परीक्षा में कुल कितने अंक होते हैं?
संस्कृत विषय 100 अंकों का होता है, जिसमें अपठित गद्यांश, रचनात्मक लेखन, व्याकरण, अनुवाद और पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्न शामिल होते हैं।
प्रश्न 3: संस्कृत में अच्छे अंक लाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्या है?
सबसे महत्वपूर्ण है—शब्दरूप और धातुरूप का नियमित अभ्यास, व्याकरण के नियमों की समझ, तथा पीयूषम् के सभी अध्यायों की लाइन-बाय-लाइन पढ़ाई। इनसे 70% से ज्यादा प्रश्न सीधे बनते हैं।
प्रश्न 4: क्या संस्कृत में OMR आधारित प्रश्न भी पूछे जाते हैं?
हाँ, खंड–A में 100 ऑब्जेक्टिव प्रश्न दिए जाते हैं, जिनमें से 50 प्रश्न OMR शीट पर हल करने होते हैं।
प्रश्न 5: संस्कृत व्याकरण में कौन-कौन से टॉपिक सबसे महत्वपूर्ण हैं?
सबसे ज़रूरी टॉपिक—शब्दरूप, धातुरूप, संधि, समास, कारक–विभक्ति, उपसर्ग–प्रत्यय, और अनुवाद। ये परीक्षा में हर साल पूछे जाते हैं।
प्रश्न 6: क्या केवल ऑब्जेक्टिव पढ़कर संस्कृत में अच्छे अंक ला सकते हैं?
नहीं, केवल ऑब्जेक्टिव पढ़ना पर्याप्त नहीं है। बोर्ड परीक्षा में वर्णनात्मक प्रश्न, अनुवाद, अनुच्छेद और पत्र-लेखन भी आते हैं। इसलिए पूरा सिलेबस पढ़ना ज़रूरी है।
प्रश्न 7: संस्कृत की तैयारी के लिए कौन से स्रोत सबसे अच्छे हैं?
स्कूल की पुस्तकें—पीयूषम् भाग–2 एवं संस्कृत व्याकरण—सबसे विश्वसनीय हैं। इसके अलावा YouTube के मुफ्त लेक्चर, पुराने प्रश्नपत्र और मॉडल पेपर भी बहुत मदद करते हैं।