Bihar Board 10th Second Hindi Syllabus 2026: किसलय भाग–3 के सभी अध्याय, व्याकरण, निबंध, पत्र व संवाद (हिंदी द्वितीय भाषा, अहिंदीभाषियों के लिए)

Bihar Board 10th Second Hindi Syllabus 2026; बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने कक्षा 10 के लिए हिंदी द्वितीय भाषा (अहिंदीभाषियों के लिए) का नया सिलेबस जारी कर दिया है, जो किसलय भाग–3 पर आधारित है। यह पुस्तक छात्रों को सरल, व्यवहारिक और समझने में आसान हिंदी सिखाने के उद्देश्य से तैयार की गई है। इसमें गद्य, पद्य, जीवनचरित, कहानी, प्रेरक प्रसंग, प्राकृतिक वर्णन और नैतिक शिक्षाओं से जुड़े अध्याय शामिल हैं, जो विद्यार्थियों की भाषा-शैली, अभिव्यक्ति क्षमता और साहित्यिक समझ को मजबूत बनाते हैं।

इस सिलेबस में अपठित गद्यांश, निबंध लेखन, पत्र/संवाद लेखन, व्याकरण और पाठ आधारित प्रश्न शामिल हैं, जिससे परीक्षा में भाषा की सम्पूर्ण योग्यता का मूल्यांकन किया जा सके। यदि कोई विद्यार्थी इस सिलेबस को सही रणनीति के साथ पढ़े, तो हिंदी द्वितीय भाषा में 90+ अंक लाना बिल्कुल आसान हो जाता है।

Bihar Board 10th Second Hindi Syllabus 2026 Overview

किसलय भाग–3 पर आधारित कक्षा 10 हिंदी (द्वितीय भाषा) का सिलेबस अहिंदीभाषी विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। यह पाठ्यक्रम छात्रों को सरल, व्यावहारिक और दैनिक जीवन में प्रयोग होने वाली हिंदी सिखाने पर केंद्रित है। सिलेबस में गद्य, पद्य, व्याकरण, निबंध, पत्र/संवाद-लेखन और अपठित गद्यांश जैसे विविध घटक शामिल हैं, जिससे विद्यार्थियों की भाषा-समझ, लेखन क्षमता और अभिव्यक्ति कौशल समग्र रूप से विकसित होते हैं। नीचे दिया गया ओवरव्यू इस पूरे सिलेबस की संरचना को आसान तरीके से समझने में मदद करेगा।

श्रेणीविवरण
बोर्डबिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB), पटना
कक्षाकक्षा 10
विषयहिंदी (द्वितीय भाषा) – अहिंदीभाषियों के लिए
मुख्य पुस्तककिसलय भाग–3 (BTC)
Total Marks100 अंक
Exam Structureअपठित गद्यांश, गद्य/पद्य, निबंध, पत्र/संवाद लेखन, व्याकरण
गद्य के अध्यायईदगाह, बालगोबिन भगत, ठेस, अशोक का शस्त्र त्याग आदि
पद्य के अध्यायतू ज़िंदा है तो…, बिहारी के दोहे, कबीर के पद, झांसी की रानी आदि
व्याकरणसंज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, कारक, समास, विलोम, पर्यायवाची, वाक्य–शुद्धि आदि
लेखन कार्यनिबंध (250–300 शब्द), पत्र लेखन, संवाद लेखन
अपठित गद्यांशदो गद्यांश, प्रत्येक पर 5 प्रश्न
Official Websitebiharboardonline.com

Bihar Board 10th Hindi (Second Language) Marking Scheme 2026

बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी (द्वितीय भाषा) का मूल्यांकन दो भागों—ऑब्जेक्टिव और वर्णनात्मक—के आधार पर किया जाता है। पूरा प्रश्नपत्र 100 अंकों का होता है जिसमें भाषा-समझ, लेखन कौशल, साहित्यिक ज्ञान और व्याकरणिक दक्षता की संतुलित जाँच की जाती है। नीचे मार्किंग स्कीम का पूरा विवरण दिया गया है।

✔ मार्किंग स्कीम का विस्तृत विवरण

1. अपठित गद्यांश – 20 अंक
दो अपठित गद्यांश दिए जाते हैं। प्रत्येक गद्यांश पर 5 लघु उत्तरीय प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रश्न छात्रों की समझ, शब्दार्थ और भाव पहचानने की क्षमता को जांचते हैं।

2. निबंध लेखन – 10 अंक
250–300 शब्दों में किसी एक विषय पर निबंध पूछा जाता है। अंक भाषा की शुद्धता, विचारों की स्पष्टता, तार्किक क्रम और प्रस्तुति के आधार पर दिए जाते हैं।

3. पत्र-लेखन / संवाद-लेखन – 5 अंक
एक प्रश्न पूछा जाता है, जिसमें अनौपचारिक पत्र या संवाद लिखना होता है। इसमें भाषा, भाव, संरचना और शुद्धता का मूल्यांकन किया जाता है।

4. व्याकरण – 15 अंक
संज्ञा, सर्वनाम, कारक, काल, समास, उपसर्ग–प्रत्यय, मुहावरे, वाक्य–शुद्धि जैसे व्याकरणिक भागों से छोटे प्रश्न पूछे जाते हैं।

5. पाठ्यपुस्तक आधारित प्रश्न – 50 अंक
गद्य – 30 अंक
पद्य – 20 अंक
गद्य व पद्य दोनों से लघु और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न, व्याख्या आधारित प्रश्न और चरित्र/भाव विश्लेषण पूछे जाते हैं।

किसलय भाग–3 : विस्तृत पाठ्यक्रम

किसलय भाग–3 बिहार बोर्ड कक्षा 10 (द्वितीय भाषा – अहिंदीभाषियों के लिए) की मुख्य हिंदी पाठ्यपुस्तकों में से एक है। इसमें समाज, संस्कृति, प्रेरणा, इतिहास, मानव–मूल्य, प्रकृति, साहित्य और जीवन–अनुभवों से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण पाठ शामिल हैं। यह पुस्तक विद्यार्थियों को सरल हिंदी, भावपूर्ण पाठ और व्यावहारिक सीख देने के लिए तैयार की गई है।

1. ईदगाह (कहानी) – ‘ईदगाह’ प्रेमचंद की सबसे प्रसिद्ध कहानियों में से एक है, जिसमें छोटे हामिद की मासूम भावनाओं, त्याग, संस्कार और दादा-दादी के प्रति गहरे प्रेम को दर्शाया गया है। कहानी ईद के मेले की पृष्ठभूमि पर आधारित है, जहाँ हामिद अपने साथियों की तरह खिलौनों और मिठाइयों के बजाय दादी के लिए चिमटा खरीदता है। यह छोटा-सा त्याग उसकी समझदारी, जिम्मेदारी और संवेदनशीलता को उजागर करता है। पाठ विद्यार्थियों को यह सिखाता है कि खुशी केवल दिखावे में नहीं, बल्कि अपनों के लिए किए गए छोटे-छोटे त्याग में छिपी होती है। यह अध्याय बच्चों में संवेदना, प्रेम, करुणा और पारिवारिक मूल्यों की भावना को मजबूत करता है।

2. बालगोबिन भगत (व्यक्ति-चित्र) – यह अध्याय एक सरल, भक्तिमय और सत्यनिष्ठ व्यक्ति “बालगोबिन भगत” के जीवन पर आधारित है। लेखक ने उनके चरित्र को पूर्ण सादगी, सेवा-भाव, करुणा और ईमानदारी के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया है। भगतजी का जीवन भक्ति, सदाचार और मानव सेवा को समर्पित था। वे समाज में फैली कुरीतियों और भेदभाव से दूर रहते हुए सभी के प्रति समान भाव रखते थे। विद्यार्थियों के लिए यह अध्याय प्रेरणा का स्रोत है, जो बताता है कि आदर्श जीवन केवल बड़ी उपलब्धियों से नहीं, बल्कि सादगी, सत्य और अच्छे कर्मों से बनता है। यह पाठ व्यक्तित्व विकास और नैतिक शिक्षा के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

3. हुंडरू का जलप्रपात (प्राकृतिक वर्णन) – इस अध्याय में झारखंड स्थित प्रसिद्ध प्राकृतिक स्थल ‘हुंडरू फॉल्स’ का अत्यंत सुंदर वर्णन किया गया है। लेखक ने वहाँ के वातावरण, जलप्रवाह की ध्वनि, हरियाली, चट्टानों के सौंदर्य और आसपास के शांत प्राकृतिक दृश्यों को चित्रमय शैली में प्रस्तुत किया है। यह वर्णन पाठकों को ऐसा अनुभव कराता है जैसे वे स्वयं उस स्थल पर उपस्थित हों। इस पाठ के माध्यम से विद्यार्थी प्रकृति के महत्व, उसके संरक्षण की आवश्यकता और पर्यावरणीय सौंदर्य के प्रति संवेदनशीलता विकसित करते हैं। भाषा सरल, प्रवाहपूर्ण और वर्णनात्मक है, जो कक्षा 10 के छात्रों में रचनात्मक कल्पना का विकास करती है।

4. ठेस (कहानी) – ‘ठेस’ मानव संवेदना, आत्मसम्मान और संबंधों में होने वाली गलतफहमियों पर आधारित कहानी है। कहानी में एक छोटे-से प्रसंग को आधार बनाकर यह बताया गया है कि शब्दों की चोट कितनी गहरी हो सकती है और कैसे अनजाने में दिया गया दुख किसी व्यक्ति को भीतर तक प्रभावित कर देता है। लेखक ने पात्रों के माध्यम से यह समझाया है कि संवाद, सहानुभूति और भावनाओं का सम्मान जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। विद्यार्थियों को यह पाठ सिखाता है कि किसी भी संबंध में समझ और संवेदनशीलता आवश्यक है, और बिना सोचे समझे कहे गए वाक्य कभी-कभी बड़े संकट पैदा कर सकते हैं।

5. अशोक का शस्त्र-त्याग (ऐतिहासिक प्रसंग) – यह अध्याय सम्राट अशोक के जीवन के उस महत्वपूर्ण मोड़ का वर्णन करता है, जब कलिंग युद्ध की विभीषिका देखकर उन्होंने हिंसा का मार्ग छोड़कर शांति, करुणा और धर्म का मार्ग अपनाया। इस प्रसंग में अशोक के आंतरिक परिवर्तन, मानवता की पीड़ा और युद्ध के विनाशकारी परिणामों को गहराई से प्रस्तुत किया गया है। पाठ छात्रों को यह संदेश देता है कि वास्तविक शक्ति विजय में नहीं, बल्कि अहिंसा, करुणा और मानव कल्याण में है। यह अध्याय इतिहास, नैतिकता और नेतृत्व के श्रेष्ठ मूल्यों का संगम है और विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

6. ईर्ष्या : तू न गई मेरे मन से (निबंध) – यह अध्याय मानव स्वभाव में मौजूद ‘ईर्ष्या’ जैसी नकारात्मक भावना को बहुत सरल और व्यंग्यपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करता है। लेखक यह दिखाता है कि ईर्ष्या इंसान का सबसे पुराना और सबसे जटिल भाव है, जो जाने का नाम ही नहीं लेता। तुलना, प्रतिस्पर्धा और दूसरों की प्रगति को देखकर मन में उठने वाली जलन कैसे व्यवहार, सोच और रिश्तों को प्रभावित करती है—यह बात अध्याय बड़े प्रभावी तरीके से समझाता है। विद्यार्थी इससे सीखते हैं कि ईर्ष्या जीवन का विकास रोकती है, मन को दुखी बनाती है और इंसान को भीतर से कमजोर करती है। अध्याय का उद्देश्य छात्रों को आत्मविश्लेषण कराते हुए सकारात्मक सोच, संतोष और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की ओर प्रेरित करना है।

7. विक्रमशिला (ऐतिहासिक वर्णन) – इस अध्याय में प्राचीन भारत के प्रसिद्ध शिक्षा–केंद्र ‘विक्रमशिला विश्वविद्यालय’ का इतिहास और वैभव अत्यंत सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इसमें बताया गया है कि विक्रमशिला नालंदा की तरह ही ज्ञान, शोध, दर्शन, व्याकरण, कला और संस्कृति का महत्वपूर्ण केंद्र था। यहाँ देश–विदेश से हजारों छात्र अध्ययन करने आते थे। अध्याय छात्रों को बिहार की गौरवशाली शैक्षणिक परंपरा से परिचित कराता है और यह दर्शाता है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली कितनी उन्नत और व्यापक थी। यह पाठ छात्रों में इतिहास, संस्कृति और शिक्षा की जड़ों के प्रति जुड़ाव और गर्व की भावना विकसित करता है।

8. दीदी की डायरी (डायरी लेखन) – यह अध्याय एक बहन की डायरी के अंशों पर आधारित है, जिसमें उसके दैनिक अनुभव, भावनाएँ, संघर्ष, परिवार के प्रति जिम्मेदारियाँ और स्वप्नों का उल्लेख है। पाठ किशोरावस्था की बदलती मानसिक स्थिति, अध्ययन का दबाव, रिश्तों की समझ और आत्मविश्वास बढ़ाने वाली परिस्थितियों को बहुत सहज शैली में प्रस्तुत करता है। डायरी की भाषा सरल और भावनात्मक है, जो पाठकों को पढ़ते समय एक व्यक्तिगत जुड़ाव महसूस कराती है। छात्र इस अध्याय से सीखते हैं कि डायरी लेखन आत्म-अभिव्यक्ति का एक प्रभावी माध्यम है, और यह व्यक्ति को स्वयं को बेहतर समझने में मदद करता है।

9. दीनबन्धु निराला (जीवन–परिचय) – इस अध्याय में महान कवि ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ के व्यक्तित्व, संघर्ष, साहित्यिक योगदान और जीवन-दृष्टि का अत्यंत प्रेरक चित्रण प्रस्तुत किया गया है। निराला का जीवन गरीबी, संघर्ष और सामाजिक चुनौतियों से भरा था, लेकिन उन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में परिवर्तन, स्वतंत्र सोच और मानवीय मूल्यों को स्थापित किया। अध्याय छात्रों को यह बताता है कि कठिन परिस्थितियाँ भी सृजन और साहित्यिक ऊर्जा को रोक नहीं सकतीं। यह पाठ विद्यार्थियों में परिश्रम, आत्मबल, रचनात्मकता और साहित्य प्रेम का विकास करता है।

10. खेमा (कहानी) – ‘खेमा’ एक संवेदनशील कहानी है जो जाति, भेदभाव, गरीबी और सामाजिक विषमताओं की समस्या को उजागर करती है। कहानी का पात्र ‘खेमा’ भले ही गरीब है, लेकिन उसका मन साहसी, ईमानदार और स्वाभिमानी है। वह विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी गरिमा नहीं छोड़ता। लेखक ने उसकी पीड़ा और संघर्ष के माध्यम से समाज में फैली असमानताओं पर प्रश्न उठाया है। यह अध्याय छात्रों को दूसरों की भावनाओं को समझने, सहानुभूति रखने और सामाजिक न्याय की आवश्यकता को समझने के लिए प्रेरित करता है। यह कहानी संवेदना और संघर्ष–शक्ति दोनों का सुंदर मिश्रण है।

11. हौसले की उड़ान (प्रेरक प्रसंग) – यह अध्याय एक ऐसे बच्चे की प्रेरक कहानी है जो कठिनाइयों, सीमित साधनों और बाधाओं के बावजूद अपने हौसले और मेहनत से सफलता की ओर आगे बढ़ता है। इसमें बताया गया है कि सच्चा आत्मविश्वास और निरंतर प्रयास जीवन की हर चुनौती को आसान बना देता है। अध्याय विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करता है कि वे परिस्थिति को दोष देने के बजाय अपनी क्षमताओं पर विश्वास करें। यह पाठ प्रेरणा, सकारात्मक सोच, लक्ष्य और अनुशासन का वास्तविक महत्व सिखाता है।

12. जननायक कर्पूरी ठाकुर (जीवन–परिचय) – यह अध्याय बिहार के महान नेता, समाज सुधारक और मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के जीवन से संबंधित है। इसमें उनके संघर्ष, सादगीपूर्ण जीवन, गरीबों के प्रति समर्पण, शिक्षा सुधार, सामाजिक न्याय और नेतृत्व की महानता का वर्णन है। पाठ छात्रों को बताता है कि कर्पूरी ठाकुर जैसे नेता समाज के सबसे कमजोर वर्गों को भी बराबरी का अधिकार दिलाने के लिए निरंतर संघर्ष करते थे। यह अध्याय विद्यार्थियों में सेवा भाव, ईमानदारी और सामाजिक समानता की भावना विकसित करता है।

13. चिकित्सा का चक्कर (व्यंग्य) – यह अध्याय समाज में चिकित्सा व्यवस्था से जुड़े अव्यवस्थाओं और समस्याओं पर व्यंग्यपूर्ण ढंग से प्रकाश डालता है। मरीज की परेशानी, डॉक्टर–कंपाउंडर–दवा दुकान के बीच बनी ‘व्यापार–श्रृंखला’, इलाज का महँगा होना और आम आदमी की विवशता—इन सबको हास्य और व्यंग्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। यह अध्याय छात्रों को स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविकता को समझने और संवेदनशीलता के साथ सामाजिक मुद्दों पर सोचने के लिए प्रेरित करता है।

Bihar Board 10th Second Hindi व्याकरण : विस्तृत सिलेबस

1. संज्ञा – इस अध्याय में विद्यार्थियों को संज्ञा के प्रकार—व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, द्रव्यवाचक, भाववाचक और समूहवाचक—का विस्तृत ज्ञान कराया जाता है। साथ ही लिंग, वचन, कारक और संज्ञाओं के वाक्य में प्रयोग को अनेक उदाहरणों के माध्यम से समझाया जाता है। पाठ में विशेष रूप से यह बताया जाता है कि संज्ञाएँ वाक्य का आधार होती हैं और सही अर्थ व्यक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। परीक्षा में संज्ञा पहचानने, उनके प्रकार बताने और वाक्य में उपयुक्त संज्ञा भरने जैसे प्रश्न पूछे जाते हैं। यह अध्याय भाषा की नींव मजबूत करता है और आगे की व्याकरणिक समझ के लिए अत्यंत आवश्यक है।

2. सर्वनाम – सर्वनाम वह शब्द है जो संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होता है। इस खंड में विद्यार्थी पुरुषवाचक, अन्वयवाचक, निश्चयवाचक, संकेतवाचक, प्रश्नवाचक और संबंधवाचक सर्वनामों का अभ्यास करते हैं। सर्वनामों का प्रयोग भाषा को सहज, सरल और सटीक बनाता है। अध्याय में यह भी सिखाया जाता है कि गलत सर्वनाम का उपयोग अर्थ और वाक्य दोनों को अस्पष्ट कर देता है। बोर्ड परीक्षा में सर्वनाम की पहचान, सही सर्वनाम चुनना और वाक्य पूरा करना अत्यंत सामान्य प्रश्न हैं। यह अध्याय छात्रों की अभिव्यक्ति क्षमता और वाक्य-निर्माण कौशल को मजबूत करता है।

3. विशेषण – विशेषण संज्ञा या सर्वनाम के गुण, मात्रा, आकृति, संख्या या स्थिति को व्यक्त करते हैं। इस अध्याय में गुणवाचक, संख्यावाचक और परिमाणवाचक विशेषणों के साथ-साथ उनके उदाहरण और वाक्य में प्रयोग को विस्तार से समझाया गया है। विशेषण वाक्य को अधिक स्पष्ट, रोचक और प्रभावशाली बनाते हैं। विद्यार्थी सीखते हैं कि सही विशेषण चुनने से वाक्य का अर्थ अधिक सटीक और अभिव्यक्ति अधिक प्रभावी हो जाती है। परीक्षा में विशेषण की पहचान, वाक्यों में सही विशेषण भरना और विशेषण–वाच्य संज्ञा का मेल बिठाना महत्वपूर्ण प्रश्नों में शामिल रहता है।

4. कारक – कारक संज्ञा-सर्वनाम और क्रिया के संबंध को दर्शाता है। इस अध्याय में कर्म, करण, संप्रदान, अपादान, संबंध, अधिकरण और संबोधन—इन सातों कारकों को सरल भाषा में उदाहरण सहित समझाया गया है। विद्यार्थी सीखते हैं कि कारक चिह्न (ने, को, से, का, में, पर आदि) वाक्य की संरचना और अर्थ के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। परीक्षा में कारक पहचानने, सही कारक चिह्न का प्रयोग और त्रुटिपूर्ण वाक्यों को सुधारने वाले प्रश्न अक्सर पूछे जाते हैं। यह अध्याय व्याकरण का अत्यंत महत्वपूर्ण भाग है क्योंकि कारक ज्ञान के बिना शुद्ध वाक्य निर्माण संभव नहीं है।

5. काल – काल क्रिया के समय (वर्तमान, भूत और भविष्य) को दर्शाता है। इस अध्याय में साधारण, अपूर्ण, पूर्ण और अपूर्ण भूतकाल जैसे उपभेदों का भी विस्तार से अभ्यास कराया गया है। विद्यार्थी क्रियाओं में होने वाले रूपांतरण, समय के अनुसार सही क्रिया चुनना और वाक्यों का काल बदलना सीखते हैं। यह अध्याय भाषा की शुद्धता और सही अर्थबोध के लिए आवश्यक है। बोर्ड परीक्षा में काल परिवर्तन, सही क्रिया-रूप का चयन और त्रुटिपूर्ण वाक्यों में काल-संबंधी सुधार जैसे प्रश्न आते हैं।

6. संधि – संधि वर्णों के मेल से उत्पन्न ध्वनि-परिवर्तन की प्रक्रिया है। इस अध्याय में स्वर संधि, व्यंजन संधि और विसर्ग संधि के नियमों को क्रमबद्ध और उदाहरणयुक्त तरीके से समझाया गया है। विद्यार्थी कठिन शब्दों में संधि-विच्छेद और संधि की पहचान का अभ्यास करते हैं। संधि का ज्ञान भाषा-रचना और शब्दों की गठन-प्रक्रिया समझने में महत्वपूर्ण है। परीक्षा में संधि-विच्छेद, संधि पहचानने और सही संधि बनाने वाले प्रश्न अवश्य शामिल होते हैं।

7. समास – समास दो या दो से अधिक शब्दों के मिलन से बनने वाला नया, छोटा और सार्थक शब्द है। इसमें विशेष रूप से कर्मधारय, तत्पुरुष, द्वंद्व, बहुव्रीहि, अव्ययीभाव और द्विगु समास का अध्ययन कराया जाता है। अध्याय विद्यार्थियों को यह समझने में मदद करता है कि कैसे दो बड़े पद मिलकर एक छोटे, तीव्र और प्रभावशाली शब्द का रूप लेते हैं। परीक्षा में समास पहचानने, उनका विग्रह लिखने और समास भेद बताने जैसे प्रश्न आते हैं, जिनका नियमित अभ्यास आवश्यक है।

8. मुहावरे और लोकोक्तियाँ – यह अध्याय भाषा में सौंदर्य, रोचकता और प्रभावशीलता जोड़ता है। मुहावरे विशेष परिस्थितियों को चुटीले ढंग से व्यक्त करते हैं, जबकि लोकोक्तियाँ जीवन-अनुभव पर आधारित शिक्षाप्रद कथन होती हैं। विद्यार्थियों को इनके अर्थ, प्रयोग और वाक्य निर्माण का अभ्यास कराया जाता है। परीक्षा में मुहावरे-लोकोक्तियों के अर्थ लिखना, उनके वाक्य बनाना और सही संदर्भ चुनना सामान्यत: पूछा जाता है। यह अध्याय छात्रों की रचनात्मकता और अभिव्यक्ति को समृद्ध करता है।

Bihar Board Class 10 (Second Hindi) निबंध-लेखन सिलेबस

बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी (द्वितीय भाषा) में निबंध-लेखन (250–300 शब्द) एक महत्वपूर्ण भाग है। इसमें विद्यार्थियों की अभिव्यक्ति क्षमता, विषय की समझ, तार्किक प्रस्तुति और भाषा की शुद्धता का मूल्यांकन किया जाता है। नीचे पाठ्यक्रम अनुसार सभी निबंध विषय दिए गए हैं:

निबंध लेखन के लिए important topics

  • मेरा प्रिय खेल
  • विज्ञान से लाभ–हानि
  • शहरी जीवन
  • ग्रीष्म ऋतु
  • स्वास्थ्य ही धन है
  • जल-संकट
  • आदर्श विद्यार्थी
  • प्रदूषण
  • मेरा प्रिय पर्व
  • वर्षा ऋतु
  • दहेज प्रथा
  • वृक्षारोपण
  • स्त्री-शिक्षा
  • स्वतंत्रता दिवस
  • बाल श्रमिक
  • हमारा राज्य बिहार
  • महँगाई की समस्या
  • राष्ट्रीय एकता
  • जवाहरलाल नेहरू / महात्मा गांधी
  • एक रोमांचक बस / ट्रेन यात्रा
  • समाचार पत्र
  • पुनरावृत्ति

Bihar Board Class 10 Second Hindi पत्र-लेखन सिलेबस

बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी (द्वितीय भाषा) में पत्र-लेखन एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें विद्यार्थियों से अनौपचारिक (Informal Letter) और औपचारिक (Formal Letter) दोनों प्रकार के पत्र लिखने की अपेक्षा की जाती है। पत्र-लेखन में लगभग 100 शब्दों की सीमा निर्धारित है और भाषा सरल, स्पष्ट तथा व्याकरण-संपन्न होनी चाहिए। नीचे पाठ्यक्रम के अनुसार सभी पत्र-लेखन विषय दिए गए हैं:

1️⃣ अनौपचारिक पत्र (Informal Letters)

माताजी को — अपनी पढ़ाई या परीक्षाफल के बारे में
मित्र को — ग्रीष्मावकाश साथ व्यतीत करने के लिए
मित्र को — वाद-विवाद प्रतियोगिता में प्रथम आने पर बधाई
मित्र को — परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर बधाई
मित्र को — किसी दर्शनीय / ऐतिहासिक स्थल के बारे में
मित्र को — पिकनिक के आनंद के विषय में
छोटे भाई को — समय के सदुपयोग पर बल देते हुए
छोटे भाई को — पढ़ाई में प्रोत्साहन हेतु
मित्र को — अपनी बड़ी बहन के विवाहोत्सव में शामिल होने के लिए
किसी प्रतियोगिता में असफल मित्र को — पुनः तैयारी के लिए प्रेरित करते हुए
मित्र को — विद्यालय में वार्षिकोत्सव के बारे में
पिताजी को — परीक्षा की तैयारी में आने वाली कठिनाइयों का वर्णन करते हुए
मित्र को — एक रोमांचक बस / ट्रेन यात्रा के बारे में
पुनरावृत्ति

2️⃣ औपचारिक पत्र (Formal Letters)

प्रधानाध्यापक को — अवकाश के लिए आवेदन
प्रधानाध्यापक को — छात्रावास में स्थान हेतु आवेदन
प्रधानाध्यापक को — विद्यालय में सफाई, पेयजल एवं शौचालय व्यवस्था के लिए अनुरोध
प्रधानाध्यापक को — फीस / अनुपस्थिति दंड माफ करने का अनुरोध
प्रधानाध्यापक को — चरित्र प्रमाण पत्र हेतु आवेदन
नगर निगम के मेयर को — सड़कों पर प्रकाश व्यवस्था सुधारने हेतु
सड़क निर्माण अभियंता को — सड़कों की जर्जर स्थिति सुधारने हेतु
मेयर को — डेंगू के प्रकोप से बचाव व्यवस्था के लिए
समाचार पत्र संपादक को — बढ़ती महँगाई पर चिंता व्यक्त करते हुए
समाचार पत्र संपादक को — चुनाव सुधार के विषय में सुझाव
प्रबंधक को — किसी पत्रिका का नियमित ग्राहक बनने हेतु
विद्युत अभियंता को — अधिक बिजली बिल आने की शिकायत
पुनरावृत्ति

Bihar Board Class 10 संवाद-लेखन सिलेबस

बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी (द्वितीय भाषा) में संवाद-लेखन लगभग 100 शब्दों में पूछा जाता है। संवाद सरल, स्वाभाविक और विषयानुसार होना चाहिए। पाठ्यक्रम में निम्न सभी संवाद विषय शामिल हैं:

संवाद-लेखन (लगभग 100 शब्दों में)

  • ट्रेन में यात्रा कर रहे दो यात्रियों के बीच संवाद
  • दुकानदार और ग्राहक के बीच खाद्य-वस्तुओं की बढ़ी कीमतों के बारे में संवाद
  • परीक्षा की तैयारी के विषय में छात्र और शिक्षक के बीच संवाद
  • परीक्षा के बाद दो छात्रों के बीच संवाद
  • रोगी और चिकित्सक के बीच संवाद
  • बढ़ती हुई महँगाई पर दो गृहिणियों के बीच संवाद
  • पुत्र के असंतोषजनक / अच्छे परीक्षाफल को लेकर माता और पिता के बीच संवाद
  • मोबाइल फोन के दुरुपयोग पर दो छात्रों के बीच संवाद
  • पुनरावृत्ति

How to Download Bihar Board Class 10 Hindi (द्वितीय भाषा) Syllabus PDF

बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी (द्वितीय भाषा) का सिलेबस डाउनलोड करना बहुत ही आसान है। विद्यार्थी नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके अपने मोबाइल या लैपटॉप में आधिकारिक PDF डाउनलोड कर सकते हैं:

  • Step 1: सबसे पहले बिहार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ —
    biharboardonline.com
  • Step 2: होमपेज पर ऊपर दिए गए तीन लाइन (Menu Button) पर क्लिक करें।
  • Step 3: अब मेन्यू में नीचे की ओर स्क्रॉल करें और “Syllabus” विकल्प चुनें।
  • Step 4: यहाँ आपको Class 9 और Class 10 Syllabus का लिंक दिखाई देगा।
    Class 10 वाले लिंक पर क्लिक करें।
  • Step 5: इसके बाद Hindi (Second Language) के सामने दिए गए PDF लिंक पर क्लिक करें।
  • Step 6: PDF आपकी डिवाइस में डाउनलोड हो जाएगा, जिसे आप कभी भी खोलकर पढ़ सकते हैं।

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Conclusion

बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी (द्वितीय भाषा) का नया पाठ्यक्रम छात्रों के भाषा–ज्ञान, लेखन–कौशल और समझ क्षमता को मजबूत बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। किसलय भाग–3, व्याकरण, पत्र-लेखन, संवाद-लेखन, निबंध और अपठित गद्यांश—इन सभी भागों को संतुलित रूप से शामिल किया गया है ताकि विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें। सिलेबस स्पष्ट, सरल और व्यवहारिक है, जिसे नियमित अध्ययन और मॉडल पेपर के अभ्यास से आसानी से समझा जा सकता है। यदि छात्र पुस्तक के प्रत्येक अध्याय को ध्यानपूर्वक पढ़ें और व्याकरण तथा लेखन अभ्यास को नियमित रखें, तो वे निश्चय ही हिंदी द्वितीय भाषा में उच्च अंक प्राप्त कर सकते हैं। यह पाठ्यक्रम न केवल परीक्षा के लिए बल्कि वास्तविक जीवन की भाषा दक्षता बढ़ाने के लिए भी अत्यंत उपयोगी है।

FAQ

प्रश्न 1: बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिंदी (द्वितीय भाषा) का नया सिलेबस कहाँ देख सकते हैं?
विद्यार्थी बिहार बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट biharboardonline.com पर जाकर “Syllabus” सेक्शन में Class 10 Hindi (Second Language) का पूर्ण पाठ्यक्रम डाउनलोड कर सकते हैं।

प्रश्न 2: हिंदी द्वितीय भाषा में कितने अंक का प्रश्नपत्र आता है?
इस विषय का प्रश्नपत्र 100 अंकों का होता है, जिसमें अपठित गद्यांश, गद्य-पद्य, व्याकरण और लेखन कौशल शामिल हैं।

प्रश्न 3: परीक्षा में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं?
परीक्षा में उद्देश्यात्मक (Objective) और वर्णनात्मक (Subjective) दोनों प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं—गद्य, पद्य, व्याकरण, पत्र-लेखन, संवाद-लेखन तथा निबंध से संबंधित।

प्रश्न 4: पत्र-लेखन में कौन-कौन से विषय शामिल हैं?
पत्र-लेखन में अनौपचारिक और औपचारिक दोनों प्रकार के पत्र पूछे जाते हैं। जैसे—मित्र को पत्र, पिताजी को परीक्षा की तैयारी के बारे में पत्र, प्रधानाध्यापक को आवेदन आदि।

प्रश्न 5: क्या संवाद-लेखन बोर्ड परीक्षा में अनिवार्य है?
हाँ, संवाद-लेखन पाठ्यक्रम में शामिल है और इससे परीक्षा में प्रश्न पूछे जा सकते हैं। लगभग 100 शब्द का संवाद लिखना होता है।

प्रश्न 6: हिंदी द्वितीय भाषा में अच्छे अंक लाने के लिए क्या करें?
अध्यायों को नियमित पढ़ें, व्याकरण का रोज अभ्यास करें, मॉडल सेट हल करें और पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्र जरूर पढ़ें। लेखन कौशल को मजबूत करने के लिए पत्र व संवाद का अभ्यास करें।

प्रश्न 7: अपठित गद्यांश कैसे तैयार करें?
रोजाना समाचार पत्र या छोटे लेख पढ़ने की आदत डालें। इससे आपकी भाषा समझने की क्षमता और शब्द-भंडार दोनों बढ़ते हैं।

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